मुंगेर में संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारी तेज
मुंगेर में संभावित बाढ़ आपदा को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 20 मई को समीक्षा बैठक हुई, जिसमें बाढ़ और सुखाड़ की रोकथाम के लिए कार्यों की स्थिति पर चर्चा की...

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर में आगामी संभावित बाढ़ आपदा को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश तैयारी पूरी कर ली गई है, बांकी बचे हुए कायों को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 20 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की रोकथाम एवं राहत कार्यों के समन्वयात्मक रोडमैप का अंतिम रूप देना था। बैठक में मुंगेर जिले सहित समस्त जिलों की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें वर्षामापी यंत्र, मौसम केंद्र, संसाधन, राहत शिविर, मेडिकल टीम तथा ग्रामीण पेयजल योजनाएं आदि प्रमुख रहे।
बैठक में आपदा नियंत्रण विभाग, मुंगेर के द्वारा बाढ़ आपदा को लेकर की गई तैयारियों की भी समीक्षा की गई थी। मुख्यमंत्री ने वर्षा मापी और मौसम पूर्वानुमान तंत्र सहित अन्य तैयारियों की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया था। संभावित बाढ़ आपदा की तैयारीयां लगभग पूर्ण: इस संबंध में जानकारी देते हुए विभाग द्वारा बताया गया कि, जिले के 12 प्रखंडों में से 9 साधारण और 101 स्वचालित वर्षा मापी यंत्र कार्यरत हैं। इसके साथ ही जिले में सभी प्रखंड मुख्यालयों में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित हैं और कार्यरत हैं। विभाग में बताया गया कि, जिले के बाढ़ आपदा से प्रभावित क्षेत्र में 38 पंचायतों के 291 गांव और लगभग 3.9 लाख जनसंख्या है। इनके बचाव के लिए 84 नाव, 35 गोताखोर, 299 आपदा मित्र, 142 लाइफ जैकेट, 31296 पॉलिथीन शीट्स, 7 मोटरबोट, 1 महाजाल और अन्य आपदा सामग्रियां आरक्षित रखी गई हैं। तीन और मोटरबोट जो खराब पड़े हुए हैं, उनका शीघ्र ही मरम्मत कराया जाएगा। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित सभी अंचलों द्वारा 72 राहत शिविर और 58 सामुदायिक रसोई का चयन कर लिया गया है। खाद्य सामग्री, पॉलीथीन शीट्स, टेंट पंडाल इत्यादि की दर निर्धारित कर 2025-26 तक के लिए निविदा पूर्ण की जा चुकी है और आपूर्तिकर्ता से एकरारनामा कर लिया गया है। वहीं, तटबंध संरक्षण के तहत गंगा नदी के दाएं तट पर विभिन्न स्थानों-सिंघिया, फरदा, शिवकुंड, बेलनबाजार से सोझी घाट तक, सीताकुंड डीह और बरियापुर में एंटी-एरोजन कार्य प्रगति पर हैं। बाढ़ मानक संचालक प्रक्रिया के अनुरूप संवेदनशील स्थलों पर बालू भरे ईसी बैग का भंडारण भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैम्प एवं मोबाइल टीम का गठन किया गया है। पशु स्वास्थ्य केन्द्रों में 42 प्रकार की दवाएं तैयार रखी गई हैं। इसके साथ बाढ़ आपदा के दौरान जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24×7 संचालित रहेगा। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र के सभी सड़कों की मरम्मति की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जिले में एसडीआरएफ की एक टीम स्थाई रूप से प्रतिनियुक्त है। कहते हैं अधिकारी: जिले में आपदा राहत कार्य को लेकर तैयारीयां चल रही हैं। बाढ़ प्रभावित विभिन्न अंचलों में अधिकांश में तैयारी या तो पूरी कर ली गई है या पूरी की जा रही है। जो बचे हुए कार्य हैं उसे भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। बाढ़ आने से पूर्व आपदा से निपटने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। कुमार अभिषेक, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, मुंगेर -------------------
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