चुनौतियों के बीच अवसरों को तलाशें
विश्व के अंदर कोरोना महामारी से संकटकाल की स्थिति बनी हुई है। इस संकट की स्थिति को समस्या मानने के बजाय चुनौती के रूप में स्वीकार कर इसमें से संभावनाओं एवं अवसरों को तलासें। साथ ही उसके अनुसार कार्य...
विश्व के अंदर कोरोना महामारी से संकटकाल की स्थिति बनी हुई है। इस संकट की स्थिति को समस्या मानने के बजाय चुनौती के रूप में स्वीकार कर इसमें से संभावनाओं एवं अवसरों को तलासें। साथ ही उसके अनुसार कार्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी। यह बातें रविवार को विद्या भारती के पूर्व प्रांतीय परिषद की ऑनलाइन बैठक में मौजूद छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम ने कही।
उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में संघ से प्रेरित संगठन विद्या भारती के छात्र एवं पूर्व छात्र परिषद से जुड़े कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे सेवा कार्य के कारण भारतीय संस्कृति का संपूर्ण विश्व में एक सम्मानजनक स्थान बना है।
उन्होंने कहा कि चुनौती में समाज स्वावलंबी बने एवं अपने बल पर खड़ा हो। जिसमें स्वदेशी का भाव अपना देश अपनी माटी को जोड़कर तथा अपने ही संसाधनों के आधार पर एवं विदेशों पर आश्रित न रहते हुए काम को खड़ा करने का अवसर हमें मिला है। हमें विदेशी चीजें का बहिष्कार तथा अपने देश में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग करना चाहिए।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी स्वदेसी चिकित्सा पद्धति का ही उपयोग करना चाहिए। इससे राष्ट्र भक्ति का निर्माण होगा तथा देश मजबूत होगा। उन्होंने विद्या भारती के ऐसे विद्यालय जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, को आर्थिक सहायता करने की भी अपील पूर्व वर्ती छात्रों से की है। श्री राम ने कहा कि इसके लिए विद्या भारती द्वारा पूर्व छात्र को लेकर पोर्टल बनाया गया है। जिसमें अभी तक लगभग एक लाख पचास हजार छात्र जुड़ चुके हैं।
वहीं विद्या भारती के राष्ट्रीय सहमंत्री प्रो. कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि आप विद्या भारती के राजदूत हैं। इसलिए आप पर बहुत बड़ा सामाजिक दायित्व है। आपसे ही विद्या भारती की पहचान होती है। आप जैसा कार्य करेंगे समाज में विद्या भारती की वैसी ही छवि बनेगी। मौके पर भारती शिक्षा समिति के सचिव गोपेश कुमार घोष, पूर्व छात्र परिषद के क्षेत्रीय सह प्रमुख राकेश कुमार अम्बष्ठा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।