जिले के पशु अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा
जिले का पशु अस्पताल पूरी तरह बदहाल है। अस्पताल में डॉक्टरों व अन्य संसाधनों की कमी है। जिले के विभिन्न अस्पतालों में निर्धारित 42 प्रकार की दवाओं की जगह मात्र 20 प्रकार की दवाएं ही उपलब्ध हैं। हालत...
जिले का पशु अस्पताल पूरी तरह बदहाल है। अस्पताल में डॉक्टरों व अन्य संसाधनों की कमी है। जिले के विभिन्न अस्पतालों में निर्धारित 42 प्रकार की दवाओं की जगह मात्र 20 प्रकार की दवाएं ही उपलब्ध हैं। हालत ऐसी हो गई है कि तीन से चार अस्पताल पर मात्र एक डॉक्टर ही उपलब्ध है। इससे यह अंदाजा लगाने को काफी है कि पशु अस्पताल की स्थिति कैसी हो सकती है।
मवेशी पालक चिकित्सकों के आभाव में निजी डॉक्टरों का सहारा लेने को मजबूर है। उनका कहना है कि पशुओं के लिये जीवन रक्षक दवाईयों का आभाव रहने के कारण बाहर से दवाई मंगाना पड़ता है।
30 डॉक्टरों की जगह मात्र 11 डॉक्टर ही हैं तैनात: सरकार द्वारा जिले में पशु डॉक्टरों का कुल सृजित पद 30 है, लेकिन वर्तमान में महज 11 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण तीन से चार अस्पतालों में सिर्फ एक डॉक्टर अपनी सेवा दे रहे हैं। इन परेशानियों के कारण पशु अस्पताल कंपाउंडर के सहारे चलाया जा रहा है।
क्या कहते हैं प्रभारी डीएचओ: डीएचओ डा. श्रवण कुमार भगत कहते हैं कि जिले में सृजित 30 डॉक्टरों की जगह मात्र 11 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार दवाइयां खरीदी जाती हैं। सभी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार दवाइयां उपलब्ध हैं।