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सदर अस्पताल के आईसीयू में समय पर नहीं आते हैं डॉक्टर

कहने को तो सदर अस्पताल के आईसीयू में नौ डॉक्टर तैनात हैं लेकिन समय पर एक भी नजर नहीं आते हैं। सोमवार को जब हिन्दुस्तान टीम ने आईसीयू की पड़ताल की तो नजारा कुछ अलग ही...

सदर अस्पताल के आईसीयू में समय पर नहीं आते हैं डॉक्टर
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरTue, 31 Jul 2018 01:40 AM
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कहने को तो सदर अस्पताल के आईसीयू में नौ डॉक्टर तैनात हैं लेकिन समय पर एक भी नजर नहीं आते हैं। सोमवार को जब हिन्दुस्तान टीम ने आईसीयू की पड़ताल की तो नजारा कुछ अलग ही था।

दोपहर 1 बजे से 2:30 बजे तक ड्यूटी में तैनात एक भी डॉक्टर आईसीयू में नजर नहीं आये। डॉक्टर की अनुपस्थिति में एएनएम ही मरीजों का इलाज कर रहीं थीं, जिन्हें यह भी पता नहीं कि आईसीयू में कौन कौन से उपकरण हैं? एएनएम से पूछा गया कि आज ड्यूटी में कौन डॉक्टर हैं तो एएनएम ने बताया कि डॉ. राम प्रवेश ड्यूटी में हैं। कहां गये पता नहीं । अस्पताल परिसर में भी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर कहीं नजर नहीं आए। सूत्रों के अनुसार सदर अस्पताल में तैनात अधिकांश डॉक्टर हाजिरी बनाकर निजी पै्रक्टिस करने के लिए चले जाते हैं।

बेड की है कमी : प्रमंडल का अस्पताल होने के बावजूद आईसीयू में मात्र छह बेड की व्यवस्था है। कभी मरीजों की संख्या बढ़ जाने से आईसीयू के बदले मरीजों को इमरजेंसी में रखने की विवशता हो जाती है। अमुमन प्रत्येक माह 250 गंभीर मरीज इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल आते हैं।

ईईजी की नहीं है सुविधा : आईसीयू में इलेक्ट्रोसिफेलोजी (ईईजी) की सुविधा नहीं रहने के कारण बे्रन के मरीजों को पटना या भागलपुर रेफर कर दिया जाता है। इसके कारण कभी-कभी समय पर इलाज नहीं होने के कारण मरीजों की रास्ते में मौत भी हो जाती है। ईईजी एक ऐसी मशीन है जो ब्रेन में होनेवाले किसी भी समस्या को आसानी से पहचान लेती है। इससे मरीजों का इलाज संभव हो पाता है।

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