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डीआईजी ने नहीं दिया जांच प्रतिवेदन

महिला सिपाही स्नेहा की सीवान पुलिस लाइन में एक जुन को हुई संदिग्ध स्थिति में मौत तथा उसके बाद शव की हेरा-फेरी व पुलिस की संदिग्ध भुमिका सवालों के घेरे में...

डीआईजी ने नहीं दिया जांच प्रतिवेदन
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरSun, 11 Aug 2019 12:47 AM
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महिला सिपाही स्नेहा की सीवान पुलिस लाइन में एक जुन को हुई संदिग्ध स्थिति में मौत तथा उसके बाद शव की हेरा-फेरी व पुलिस की संदिग्ध भुमिका सवालों के घेरे में है।

इस मामले को लेकर सीवान एसपी, मुंगेर एसपी तथा सदर एसडीओ मुंगेर के खिलाफ स्नेहा के पिता ने न्यायिक प्रक्रिया चालू होने की उम्मीद से न्यायालय के शरण में गए लेकिन न्यायिक व्यवस्था ने उन्हें निराश किया है। रामनगर थाना क्षेत्र के नौवागढ़ी गांव के मृतक के पिता विवेकानंद मंडल ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नंदकिशोर राम के न्यायालय में 12 जुन 2019 को नालसी वाद (परिवाद वाद ) दायर किया था। हाई प्रोफाइल इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने संज्ञान ना लेकर जांच प्रतिवेदन देने का आदेश डीआईजी मनु महाराज को दिया। परंतु डेढ़ महीने के बाद भी डीआईजी ने जांच प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित नहीं किया है। इस वजह से नालसी वाद में न्यायिक प्रक्रिया अवरूद्ध हो गई। जिस का खुलासा सूचना अधिकार के तहत हुआ। इस मामले में आरटीआई एवं मानवाधिकार एक्टिविस्ट ओमप्रकाश पोद्दार ने 27 जून को सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह लोक सूचना पदाधिकारी से आरटीआई के तहत डीआईजी को दिया गया आदेशित पत्र एवं डीआईजी द्वारा न्यायालय को भेजे गए जांच रिपोर्ट मांगी।

कोर्ट ने डीआईजी से मांगा जांच प्रतिवेदन

हाई प्रोफाइल स्नेहा प्रकरण में न्यायालय ने खुद जांच ना कर एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारी से जांच ना करवा कर डीआईजी से जांच प्रतिवेदन की मांग की। पुलिस के दो पदाधिकारी के विरूद्ध दायर नालसी वाद में न्यायालय द्वारा डीआईजी से जांच प्रतिवेदन मांगना एवं डीआईजी द्वारा जांच प्रतिवेदन अब तक नहीं देना अधिवक्ताओं, पीड़ित परिजन एवं ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना है। कोर्ट ने डीआईजी से फिर जांच प्रतिवेदन की मांग की है। ज्ञात हो कि लोक सूचना पदाधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके विरुद्ध में पोद्दार ने जिला जज के समक्ष 5 अगस्त को प्रथम अपील दाखिल किया था।

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