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वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल

नौवागढ़ी से चरौन, मनियारचक, रामगढ़, सिलहा, महेशपुर, सीताकुंड डीह समेत कई गांव को जोड़ने वाली नौवागढ़ी चरौन पथ पुरी तरह से जर्जर हो गयी है। इन सड़क पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। ...

वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरTue, 12 Nov 2019 12:16 AM
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नौवागढ़ी से चरौन, मनियारचक, रामगढ़, सिलहा, महेशपुर, सीताकुंड डीह समेत कई गांव को जोड़ने वाली नौवागढ़ी चरौन पथ पुरी तरह से जर्जर हो गयी है। इन सड़क पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। करीब चार किलोमीटर लंबी सड़क पर निकल आए नुकीले पत्थर के कारण पैदल यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रतिदिन इस पथ पर साइकिल से लेकर मोटरसाइकिल तक पंचर का शिकार हो रहा है। जिससे ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग: इस संबंध में ग्रामीण निरंजन राय ने कहा कि सड़क की सूरत बाढ़ के कारण बिगड़ गई है। स्थिति ऐसी हो गई है नुकीले पत्थर निकल जाने के कारण सभी तबके के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विभाकर ठाकुर ने कहा कि बाढ़ में ध्वस्त हो जाने के कारण अब सड़क चलने लायक भी नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि सड़क की बदहाली को देखते हुए विभागीय अधिकारी को अभिलंब जायजा लेकर पुनर्निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए । जबकि चंद्रमोहन ठाकुर, विकास कुमार, विजय सिंह ने कहा कि बदहाल सड़क से आवागमन करना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है । उन्होंने कहा कि बाढ़ की विभीषिका खत्म हुए भी एक महीने से ऊपर हो गया है फिर भी अब तक इस सड़क की बदहाली को दूर करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है ।

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता: उधर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिसुर रहमान ने कहा कि बाढ़ में ध्वस्त हुए सड़क की जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी । इसके लिए क्षति आकलन का कार्य चल रहा है । पूरी तरह से आकलन होने के बाद अगले महीने से सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की उम्मीद जतायी जा रही है।

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