डायरिया ग्रसित बच्चे की मौत, परिजन ने लापरवाही का लगाया आरोप
परवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वहीं अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर रमण कुमार ने बताया कि बच्चा सीबियर डायरिया से ग्रसित होकर अस्पताल पहुंचा था।...
मुंगेर, निज संवाददाता : सदर अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में मंगलवार की दोपहर डायरिया से ग्रसित दो वर्षीय बच्चा ऋषभ की मौत हो गई। बच्चे की मौत पर परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वहीं अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर रमण कुमार ने बताया कि बच्चा सीवियर डायरिया से ग्रसित होकर अस्पताल पहुंचा था। इमरजेंसी के डाक्टर के अलावा खुद मैने बच्चे की जांच की थी। लेकिन सेप्टेमिक शॉक में जाने कारण बच्चे को नहीं बचाया जा सका।
दरअसल असरगंज निवासी नीतीश कुमार के 2 वर्षीय पुत्र ऋषभ अपनी ननिहाल खोजा बाजार में अपनी नानी के यहां आया था। बच्चे को डायरिया की शिकायत पर सोमवार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी स्थिति गंभीर देख डाक्टर द्वारा रेफर कर दिया गया। परिजन बच्चे को लेकर नीलम चौक स्थित एक निजी नर्सिंग होम ले गए। वहां से मंगलवार की सुबह बच्चे को सदर अस्पताल भेज दिया गया। जहां डाक्टर हेमंत कपूर ने बच्चे की स्थिति देखते हुए बाहर ले जाने की बात कही, लेकिन परिजन के दबाव में बच्चे को चाइल्ड वार्ड में एडमिट कर लिया गया। जहां दोपहर एक बजे बच्चे की मौत हो गई। मृत बच्चे की मां प्रीति देवी, नानी रूपा देवी सहित अन्य का कहना था कि उसके बच्चे को अगर सोमवार को ही एडमिट कर इलाज किया जाता तो जान बच सकती थी, लेकिन डाक्टर ने रेफर कर दिया। निजी क्लीनिक में एडमिट नहीं लेने के बाद आज सुबह 6 बजे पुन: वे लोग बच्चे को लेकर इमरजेंसी वार्ड आए, जहां सुबह करीब 8 बजे बच्चे को एडमिट किया गया। लेकिन 9 बजे फिर ऋषभ को रेफर कर दिया गया। इस बीच दोपहर एक बजे बच्चे की मौत हो गई। अगर डाक्टर बच्चे को रेफर नहीं कर यहीं इलाज करते तो बच्चे की जान बच सकती थी।
पूरे मामले में अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर रमण कुमार ने बताया कि बच्चा सीरियस स्थिति में एडमिट हुआ था। उन्होंने खुद बच्चे को देखा था। जिसकी सीरियस स्थिति को देखते हुए रेफर कर दिया गया था, लेकिन परिजन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने के कारण परिजन बच्चे को बाहर नहीं ले जा सके। बच्च सीवियर डायरिया से ग्रसित था। सेप्टेमिक शॉक में चले जाने के कारण हमलोग बच्चे को बचा नहीं पाए।
