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सामुदायिक किचन: कागज पर सौ, खाना देता मात्र 20 लोगों को

लॉकडाउन के दौरान गरीबों को काफी परेशानी हो रही है। ‘हिन्दुस्तान घंटी बजाओ के तहत शनिवार को मुंगेर के छोटी केलावाड़ी के रिक्शा-ठेला चालकों के साथ रोज मजदूरी कर परिवार चलाने वाले लोगों से बात की गयी।...

सामुदायिक किचन: कागज पर सौ, खाना देता मात्र 20 लोगों को
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरSun, 19 Apr 2020 12:17 AM
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लॉकडाउन के दौरान गरीबों को काफी परेशानी हो रही है। ‘हिन्दुस्तान घंटी बजाओ के तहत शनिवार को मुंगेर के छोटी केलावाड़ी के रिक्शा-ठेला चालकों के साथ रोज मजदूरी कर परिवार चलाने वाले लोगों से बात की गयी। अधिकांश लोगों ने बताया कि प्रशासन के सामूदायिक किचेन में लूट मची है। खाना दिया जाता है मात्र 20 लोगों को कागज पर लिखा जाता एक सौ लोगों को खाना खिलाया गया।

कम्यूनिटी किचेन में नहीं मिल रहा खाना

मुंगेर। शहर के छोटी केलावाड़ी में घंटी बजाने पर यहां रहने वाली श्यामा देवी ने खाना नहीं मिलने का दर्द वयां किया। बताया कि उसके पति ठेला चलाते थे। उसी उनके परिवार का गुजारा चलता था। लॉकडाउन के कारण उनका धंधा बिल्कुल बंद हो गया है। जैसे-तैसे परिवार को चलाना पड़ रहा है। मोहल्ले में ही सरकार के तरफ से कम्यूनिटी कीचन बनाया गया है, पर वहां उनलोगों को भोजन नहीं मिल रहा है। समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी रोटी की समस्या कैसे दूर होगी। अब तक कहीं से कोई मदद नहीं मिला है।

पति बीमार, काम धंधा बंद कैसे बचाएं जिंदगी

मुंगेर के छोटी केलावाड़ी में रह रही हजारी देवी ने घंटी बजाओं के तहत बतायी कि उसके पति बीमार हैं। काम धंधा लॉकडाउन के कारण पूरी तरह बंद है। कैसे पति सहित अपने बच्चों की जिंदगी बचायेंगे, समझ में नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हम गरीबों के लिए कई घोषणाएं कर रखा है। पर अब तक हमलोगों को किसी भी तरह की मदद कहीं से भी नहीं मिला है। भूखों मरने की नौवत आ गई है।

मुंगेर : लिखकर ले जाता है 10 आदमी, खाना देता दो लोगों का

कोरोना माहमारी को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है। जिस कारण मजदूरी करने वाले गुड़िया देवी के घर राशन तक नहीं है। बतायी कि उनके घर दस सदस्यों का परिवार है। लॉकडाउन में कमाई के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। उधारी से कुछ दिनों तक परिवार का भरण पोषण किया। अब तो वह भी राशन देने से इंकार कर दिया है। जिस कारण भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। शनिवार को घंटी बजाओं मुहिम में हिन्दुस्तान संवाददाता ने गुड़िया देवी से संपर्क कर उनका दर्द शेयर किया। उसने बताया कि सरकार द्वारा वगल में खाना मिलता है, पर वह लिखकर ले जाता है 10 आदमी का और खाना देता है दो का। इसमें कैसे दस सदस्यों का परिवार चलेगा। समझ में नहीं आता।

छोटी केलावाड़ी: खाना तो दूर पानी भी कर दिया है बंद

मुंगेर के छोटी केलावाड़ी की विमला देवी के घर में राशन नहीं है। गुजारा करना मुश्किल हो गया है। विमला देवी ने बताया कि उसके पति रिक्शा चलाते थे। पर लॉकडाउन के कारण नहीं चला पाते हैं। जो कुछ घर में पैसे थे, वह लॉकडाउन के दौरान घर का राशन खरीदने में खर्च हो गए। अब राशन भी घर में नहीं बचा है। वहीं डीलर के यहां से राशन भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में घर का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने हम गरीबों के लिए सामूदायिक कीचन की व्यवस्था अवश्य कर रखा है, पर वहां खाना मिलता ही नहीं है। इधर से मोहल्ले का पानी तक बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में भूखों मरने की नौवत आ गयी है। समझ में नहीं आता कैसे 3 मई तक कटेगा।

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