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हरिणमार झौवाबहियार में हो एपीएचसी

बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार एवं झौवाबहियार पंचायत के लोगों ने जिला पदाधिकारी एवं स्वाथ्य विभाग से दोनों पंचायतों में अलग-अलग एपीएचसी खोलने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा है कि करीब 30 हजार की आवादी...

हरिणमार झौवाबहियार में हो एपीएचसी
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरWed, 14 Jun 2017 10:58 PM
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बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार एवं झौवाबहियार पंचायत के लोगों ने जिला पदाधिकारी एवं स्वाथ्य विभाग से दोनों पंचायतों में अलग-अलग एपीएचसी खोलने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा है कि करीब 30 हजार की आवादी वाले इन दोनों पंचायतों में एपीएचसी की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों ने मांग करते हुए का कि अगर इस ओर प्रशासन ध्यान नहीं देता है तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि काफी साल पहले हरिणमार पंचायत में एपीएचसी खोला गया था। उस वक्त यहां एक नर्स की तैनाती थी लेकिन, करीब दो साल से ज्यादा समय से एपीएचसी नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां न तो एएनएम है और न ही चिकित्सक। पूर्व में हरिणमार थाना के पास बने पंचायत भवन में एपीएचसी चलाया जाता था। बोले ग्रामीण : हरिणमार पंचायत विकास मंच के अध्यक्ष विंदेश्वरी भाई निषाद, भोला सिंह,सच्चिदानंद सिंह, डॉ. शिवराम पटेल, अवधेश पटेल, दून बहादुर धरती धमक सिंह, रंजीत सिंह, राजपति सिंह, राजो पहलवान, गणेश सिंह, रामविलास निषाद, वंशराज सिंह, राजेंद्र दास, झौवाबहियार के जमादार पासवान, नारायण सिंह, निरंजन सिंह, मनोज पटेल, इंदिरा देवी, अजय पटेल ने कहा कि दोनों पंचायतों में एपीएचसी नहीं रहने के कारण यहां के लोगों को इलाज कराने के लिए खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर जाना पड़ता है। इससे ग्रामीणों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ और सूखे के समय में लोग ज्यादा बीमार होते हैं लेकिन, एपीएचसी के नहीं रहने से छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोग परेशान रहते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ के बाद महामारी फैलने का ज्यादा भय यहां रहता है लेकिन, आज तक न तो दवाईयों का छिड़काव किया जाता है और न ही चिकित्सकों की टीम यहां के लोगों की स्वास्थ्य की जांच करने आते हैं।

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