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‘संघर्ष व कुर्बानी से मिला है अधिकार

ईर्स्टन रेलवे मेंस यूनिय (ओपन लाइन), शाखा जमालपुर के कार्यकर्ताओं ने पूर्व रेलवे डीजल शेड परिसर में एक नुक्कड़ सभा आयोजित कर 74 के आंदोलनकारियों की संघर्ष व कुर्बानी को याद...

‘संघर्ष व कुर्बानी से मिला है अधिकार
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरSat, 09 May 2020 01:31 AM
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ईर्स्टन रेलवे मेंस यूनिय (ओपन लाइन), शाखा जमालपुर के कार्यकर्ताओं ने पूर्व रेलवे डीजल शेड परिसर में एक नुक्कड़ सभा आयोजित कर 74 के आंदोलनकारियों की संघर्ष व कुर्बानी को याद किया।

सभा की अध्यक्षता दिलीप कुमार ने की, तथा संचालन सचिव केडी यादव ने किया। इस दौरान लॉकडाउन के तहत् सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखते हुए शहीद वेदी पर पुष्पांजलि की गयी। कार्यकर्ताओं ने बारी बारी से 74 के आंदोलनकारियों की गाथा को सुनाया, तथा उनकी बदौदल ही आज हमें वेतन आयोग का अधिकार मिलना आसान हुआ है। मौके पर सचिव केडी यादव ने कहा कि एशिया प्रसिद्ध रेल इंजन कारखाना जमालपुर से ही इस एतिहासिक हड़ताल की शुरुआज हुई थी।

कुल 22 दिनों तक सामूहिक हड़ताल से रेल कारखाना का का कार्य ठप रहा, वहीं ट्रेनों का परिचालन भी बुरी तरह बाधित रहा। उन्होंने कहा कि 6 मई को ही पूरे देश में मांगों के समर्थन में आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हाने लगी थी। लेकिन 8 मई 1974 को जमालपुर कारखाना कर्मियों ने 1973 की रिपोर्ट सुनकर भड़क उठे थे। 1970 में रेलवे में तीसरे वेतन आयोग का गठन किया गया था। तथा 73 में इसकी रिपोर्ट आयी जिसमें रेल कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई थी। मजदूर इससे खासे आंदोलित हुए और गुस्साये रेलकर्मियों ने रेल का चक्का जाम कर दिया। कइयों की बर्बरतापूर्ण से पीटाई की गई थी। इतना ही नहीं पुलिस ने अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर जब मजदूरों ने प्रशासन के समक्ष घुटने नहीं टेके, तो वैसे कर्मियों को जेल में ठूस दिये गये थे। दिलीप कुमार ने कहा कि पूरे देश का श्रमिक आंदोलन का बागडोर स्व. जॉर्ज फर्नांडिस को सौंपी गई थी। वहीं जमालपुर आंदोलन का नेतृत्व स्व. एसएन सिन्हा के हाथो में थी।

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