मुकेश सहनी ने विधानसभा चुनाव के टिकट में लगाया कोटा, बताया- किसे कितने सीट देगी वीआईपी
वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसमें 50 फीसदी सीटें अतिपिछड़ा, एससी, एसटी के लिए रिजर्व होंगी। इसके अलावा डिप्टी सीएम के पद पर भी दावा ठोंका है।

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने ऐलान किया है कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 60 सीटों पर लड़ेगी। साथ ही टिकट में भी कोटा लगा दिया है। सहनी ने कहा कि 50 प्रतिशत सीट हम पिछड़ा, अति पिछड़ा और एससी-एसटी के लिए सुरक्षित करेंगे। बाकी आधी सीटों पर सभी जाति और धर्म के लोग लड़ेंगे। सहनी ने कहा कि क्योंकि पार्टी की रीढ़ की हड्डी हमारा अति पिछड़ा समाज है। उन्हीं के बदौलत हम लोग यहां तक पहुंचे हैं। हम लोग कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं।
सहनी ने कहा पिछले चुनाव में हम लोगों ने काफी लोगों को टिकट दिया, लेकिन बाद में वो लोग जीतकर दूसरी पार्टियों में भाग गए। लेकिन इस बार बीते 11 सालों से पार्टी के लिए मेहनत से काम कर रहे कार्यकर्ताओं को ज्यादा मौका देंगे।मंगलवार को वाल्मिकीनगर से आयोजित दो दिवसीय प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम टिकट मांगने वाले नहीं, बांटने वाले हैं। हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि समझौता हो। हमारे लिए गठबंधन जरूरी है। उन्होंने सहयोगियों को भरोसा देते हुए कहा कि जहां पर हमारे सहयोगी लड़ेंगे,वहां हम उन्हें जिताने में मदद करेंगे। इस चुनाव में चार नहीं, 40 विधायक बनाना है। उन्होंने कहा कि जब 60 सीट पर चुनाव लड़ेंगे तो 40 से 50 सीट पर चुनाव जीतकर जरूर आएंगे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आज से ही सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी में जुट जाने की अपील की। सहनी ने यह भी कहा कि हमारी सरकार बनने पर वीआईपी का उप मुख्यमंत्री होगा। इस बैठक में अन्य और कई प्रस्ताव स्वीकृत किये गये। राज्य में पार्टी के साथ आठ से दस प्रतिशत वोट हैं। बिहार में वीआईपी पार्टी 150 सीटों पर निर्णायक भूमिका में है। इन सीटों पर वह परिणाम प्रभावित करने की ताकत रखते हैं। विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी 60 सीट पर चुनाव लड़ेगी। शेष सीटो पर सहयोगियों के लिए छोड़ेंगे। बैठक के अंत में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया और सभी लोगों ने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दी।