अरेराज के पांच उर्दू विद्यालयों की चहारदीवारी नहीं
अरेराज में सरकारी उर्दू विद्यालयों की स्थिति खराब है। विद्यालयों में न तो पर्याप्त कमरे हैं और न ही चहारदीवारी, जिससे बच्चों को असुरक्षित माहौल में पढ़ाई करनी पड़ रही है। इनमें से कई विद्यालयों का...
अरेराज,निसं। सरकारी उर्दू विद्यालयों की अपनी चहारदीवारी नहीं होने से पठन पाठन को लेकर सुरक्षित वातावरण नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर विभागीय निर्देश भी यहां प्रभावहीन दिखने लगा है। अरेराज के आठ उर्दू विद्यालयो में पांच की हालत दयनीय बनी हुई है। इन विद्यालयों को पर्याप्त कमरे व चहारदीवारी तक की समस्या बनी हुई है। पर्याप्त कमरे व चहारदीवारी के अभाव में असुरक्षित वातावरण में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चे विवश हैं। अरेराज क्षेत्र में संचालित आठ उर्दू विद्यालयों में राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरेराज उर्दू कन्या, अरेराज उर्दू बालक, ममरखा उर्दू, गुजरौलिया उर्दू ,चटिया उर्दू ,राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिंतामणपुर उर्दू व बीएमसी रढिया उर्दू के नाम शामिल है। नगर पंचायत क्षेत्र के अरेराज गांव में 1950 का स्थापित राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरेराज उर्दू कन्या को डेढ़ कट्ठा जमीन उपलब्ध है जहां यह विद्यालय जीर्ण शीर्ण मात्र 03 कमरे में चलाया जा रहा है। इस विद्यालय में वर्ग 01 से 05 तक के नामांकित बच्चों की पढ़ाई मात्र 02 शिक्षक के ही भरोसे होती है। इस विद्यालय को अपनी चहारदीवारी को कौन पूछे ,विद्यालय तक जाने के लिए सड़क तक नहीं है। मात्र पगडंडी रास्ते से होकर विद्यालय तक पहंुचा जा सकता है। विद्यालय के खिड़कियों में किवाड़ तक नहीं है। दूसरी ओर देश की आजादी के समय का स्थापित राजकीय प्राथमिक विद्यालय ममरखा उर्दू के पास चहारदीवारी की बात पूछना ही बेमानी होगी । यहां का हाल तो यह है कि मात्र एक कमरे के इस विद्यालय को मात्र दो या तीन धुर ही भूमि उपलब्ध है। एक कमरे में ही चार शिक्षक वर्ग 01 से 05 तक की कक्षाएं संचालित करते हैं। पर्याप्त भूखंड के अभाव में यहां तो चहारदीवारी की चर्चा करना ही व्यर्थ है। राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बीएमसी रढिया उर्दू में पर्याप्त कमरे के अभाव में मदरसा के बरामदे मेंतीन कक्षाएं सन्चालित होती है।मात्र 02 कमरे के ही भरोसे ही वर्ग 01 से आठ तक की कक्षाओ में बच्चे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। इसके अलावे राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरेराज उर्दू बालक व गुजरौलिया उर्दू की भी अपनी चहारदिवारी नहीं है। बीपीएम आशीष कुमार ने बताया कि उर्दू विद्यालयों की उक्त समस्याओं के सन्दर्भ में निरीक्षण प्रतिवेदन विभाग को भेजा गया है। विदयालय के भवन व चहारदिवारी का निर्माण करने की महती जिम्मेवारी कनीय अभियंता के भरोसे है। अथक प्रयास के बाद भी कनीय अभियंता प्रकाश कुमार से सम्पर्क नही हो सका।
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