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तीन दिन बाद भी बाढ़ प्रभावित गांवों में नहीं पहुंची प्रशासनिक राहत सामग्री

प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर...

प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर  रहने को मजबूर...
1/ 3प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर...
प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर  रहने को मजबूर...
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प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर  रहने को मजबूर...
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हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीSun, 14 Jul 2019 11:40 PM
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प्रखंड के दर्जनों गांव में आई प्रलयकारी बाढ़ के तीन दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ित गांवों में प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण बाढ़ पीड़ित ग्रामीण किसी तरह ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर है। उक्त सभी गांव में शुक्रवार रात ही प्रवेश किया था। जिसके बाद स्थिति में अभी पूरी तरह सुधार नहीं हुआ है। बाढ़ से प्रखंड के दजनों गांव प्रभावित हैं। लेकिन जिहुली, देवापुर व पदुमकेर की स्थिति काफी बदतर है। जिहुली गांव में बाढ़ के पानी में कमी होने के बाद भी अधिकांश परिवारों के घरों में कमर से लेकर घुटना भर पानी जमा है। बाढ़ के पानी में अनाज भींग जाने के कारण भोजन बनाने पर भी आफत है। इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर से बाढ़ पीड़ित गांवों में लोगों तक कोई मदद नही पहुंच सकी है। कहते हैं बाढ़ पीड़ित परिवार: जिहुली गांव निवासी बाढ़ पीड़ित मुकेश सिंह, युगल सिंह, छोटन सिंह, पूर्व शिक्षक अनिल सिंह, कन्हैया सिंह, शिव शंकर सिंह, अकलू पासवान, लालू पासवान, परीक्षण मली देवापुर गांव निवासी शैलेन्द्र झा, रत्नेश्वर झा, आदि लोगों ने बताया कि घरों में बाढ़ का पानी घरों में घुस जाने के कारण तीन दिनों से स्कूल के छत एंव ऊँचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से किसी तरह का मदद नहीं पहुंच सकी है। प्रखंड के अन्य गांवों में भी फैला बाढ़ का पानी: बागमती व लालबकेया नदी में आई बाढ़ से जिहुली, देवापुर, पदुमकेर आदि गांव प्रभावित है। पीएचसी में 45 प्रकार की उपलब्ध है दवारामगढ़वा। पीएचसी परिसर में रविवार को कोई भी रोगी नहीं था । परंतु मौसम जनित बीमारियों से निबटने के लिए स्वास्थ्य केंद्र के कर्मी 24 घंटा ड्यूटी पर हैं । चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रहस्त कुमार कर्मियों को मौसम जनित बीमारियों के बारे में सरकारी निर्देश की जानकारी दे रहे थे । दवा के बारे में पूछने पर बताया कि बाढ़ आई है । बताया कि मौसम जनित रोगियों के लिए सर्पदंश की सुई,ओआरएस घोल,हैलोजन टैबलेटऔर पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर सहित 45 प्रकार की दवा उपलब्ध है । आपात स्थिति के लिए 5 चिकित्सकों को रोस्टर के तहत ड्यूटी लगायी गयी है। निप्र

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