कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद तय होगी रणनीति
नागरिकता कानून पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद भी जमीयतुल उलमा ए हिन्द एवं संविधान बचाओ मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में चौथे दिन बुधवार को भी शहर के लक्ष्मीपुर में धरनार्थी जमे रहे। उनके चेहरे पर...
नागरिकता कानून पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद भी जमीयतुल उलमा ए हिन्द एवं संविधान बचाओ मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में चौथे दिन बुधवार को भी शहर के लक्ष्मीपुर में धरनार्थी जमे रहे। उनके चेहरे पर तनिक भी सिकन नहीं। संकल्प में कोई कमी नहीं। उन्हें यह विश्वास है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, लेकिन आगे उसपर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा। सरकार इस पर आगे सोचेगी। क्योंकि, यह मामला रक्सौल का नहीं है, बल्कि पूरे देश में कई स्थानों पर लोग कई दिनों से सीएए, एनसीआर और एनपीआर के विरोध में धरना दे रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कार्यक्रम के संयोजक पूर्व प्रमुख मो असलम, जमीयतुल उलमा ए हिन्द के सदर मौलाना कमरुल जमा, महासचिव मुफ़्ती महम्मद जकाउल्लाह, हाफिज महम्मद सईद एवं हाजी महम्मद सफीउल्लाह आदि का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नागरिकता कानून पर तत्काल रोक लगाने से इनकार के बाद भी हम सबका धरना जारी है। नेताओं ने बताया कि चार हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट की अंतिम सुनवाई तक यह धरना जारी रहेगा। कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद हम अगली रणनीति तय करेंगे कि हमारा संगठन आगे क्या करेगा। धरने पर बैठे बामसेम बी आर अम्बेडकर के प्रदेश अध्यक्ष एआर अम्बेडकर ने कहा कि हम एनआरसी के लिए तैयार हैं। लेकिन एनआरसी डीएनए के आधार पर हो। वहीं, राजद नेता सुरेश यादव और कांग्रेस नेता राम बाबू यादव ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं ले लेती है,तब तक उस कानून के विरोध में आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। वहां विशेष रूप से मुखिया नायाब आलम, मो. असलम, प्रमुख पति प्रेम यादव, फखरुद्दीन आलम, मुस्तजाब आलम, सैफुल आज़म, प्रो. सैफुल्लाह हासमी, अनिला तिवारी , श्याम बिहारी तिवारी, नूरुल हसन, ब्रजभूषण पांडेय ,लाल बाबू सिंह, मो. जावेद, डॉ सबा शोख, रंजन कुशवाहा आदि भी मौजूद थे।