व्यवसायियों ने बंद रखी दुकानें
किराना व्यवसायी इन्द्रजीत जायसवाल की हत्या के विरोध में छतौनी के व्यवसायियों ने मंगलवार को स्वत:स्फूर्त अपनी दुकानें बंद रखीं। ढाका रोड, मधुबनीघाट रोड, बेतिया रोड, मुजफ्फरपुर रोड व मीना बाजार रोड की...
किराना व्यवसायी इन्द्रजीत जायसवाल की हत्या के विरोध में छतौनी के व्यवसायियों ने मंगलवार को स्वत:स्फूर्त अपनी दुकानें बंद रखीं। ढाका रोड, मधुबनीघाट रोड, बेतिया रोड, मुजफ्फरपुर रोड व मीना बाजार रोड की सभी दुकानें बंद रही। चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने भी बंदी में सहयोग किया। माइक से भी एनाउंस किया जा रहा था कि हत्या के विरोध में व्वयसायी अपनी दुकानें बंद कर दें। मीनाबाजार,बलुआ चौक, जानपुल चौक व ज्ञानबाबू चौक पर भी छिटपुट दुकानें बंद रहीं। छतौनी चौक पर तो चाय-पान की दुकानें भी नहीं खुलीं। सड़क जाम के समय बस स्टैंड में यात्री बसें खड़ी रहीं। दुकान बंदी को लेकर क ोई सामने नहीं आया सभी स्वेच्छा से बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। व्यवसायियों का कहना था कि हत्यारे शीघ्र पकड़े नहीं जाते हैं तो मोतिहारी बंद का एलान किया जायेगा। शहर के व्यवसायियों की बैठक भी की गयी। शाम में कुछ दुकानें खुली। व्यवसायियों में पनप रहा आक्रोश: शहर के कारोबारियों में अब आक्रोश पनपने लगा है। आज के बंद और प्रदर्शन के दौरान उनकी बातों से स्पष्ट हो रहा था कि अगर पुलिस प्रशासन अपराधियों के प्रति सख्ती नहीं बरतता है, तो वे खुद निपटने की कोई रणनीति बनायेंगे। कुछ व्यवसायी इस घटना को लेकर अपने गुस्से का इजहार करते हुये और अपना नाम सार्वजनिक नहीं करते हुये इसका संकेत दे रहे थे। उनका कहना था कि प्रशासन किस काम का है कि रोज अपराधी किसी न किसी कारोबारी को अपना निशाना बना रहे हैं और प्रशासन को इनकी भनक तक नहीं लगती। आश्चर्य तो इस बात को लेकर है कि एक कुख्यात जब तक पुलिस के कब्जे में आता है, तब तक दूसरा कूद जाता है। और, किसी की हत्या कर लोगों के दहशत पैदा करने के लिये अपने नाम का पर्चा जारी कर देता है। आखिर , पुलिस का मुखबिर क्या कर रहा है? पूरा तंत्र आखिर क्यों सोया पड़ा है?