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बाढ़ प्रभावित गांवों में मंडरा रही अकाल की छाया

प्रखण्ड क्षेत्र में आयी प्रलयंकारी बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही स्पष्ट रूप से दिखने लगा है बाढ़ से हुए बरबादी का मंजर। वही धान का पौधा नष्ट हो जाने के कारण किसानों पर मंडराने लगी है अकाल की काली...

बाढ़ प्रभावित गांवों में मंडरा रही अकाल की छाया
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीThu, 13 Aug 2020 11:14 PM
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प्रखण्ड क्षेत्र में आयी प्रलयंकारी बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही स्पष्ट रूप से दिखने लगा है बाढ़ से हुए बरबादी का मंजर। वही धान का पौधा नष्ट हो जाने के कारण किसानों पर मंडराने लगी है अकाल की काली छाया। जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी है। किसान भविष्य को लेकर काफी चिंतित हो गए है। बाढ़ के कारण धान का बिचड़ा भी गल गया है। अब धनरोपनी की कोई संभावना नही है। खेत में लगाया गया धान का बिचड़ा पानी की धार में बह गया है। भादो के इस महीने में जिन खेतों में हरियाली रहती थी। आज उन खेतों में केवल पानी व कीचड़ भरा है। किसानों का कहना है कि धान की रोपनी में घर में रखा अनाज भी खर्च हो गया है। यहां कोई रोजगार भी नही मिल रहा है। जिसके कारण बाढ़ प्रभावित गांवों के किसानों के समक्ष भूखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है। बाढ़ के पानी के तीव्र बहाव से सरसावा, डीह महुआही, सुन्दरपुर खाप, अकौना आदि गांव किसानों बेहाल हैं।

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