अतिक्रमण से सिसक रहा पतौरा पोखरा सौंदर्यीकरण से बदलेगी क्षेत्र की तस्वीर
संक्षेप: पतौरा पोखरा एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, जो स्थानीय जल स्तर को बनाए रखता है। इसके सिकुड़ने से पानी की कमी हो रही है, जो कि अतिक्रमण और प्रदूषण के कारण है। जल जीवन हरियाली मिशन के तहत इसके जीर्णोद्धार से...
पतौरा पोखरा सिर्फ एक तालाब नहीं बल्कि शहर के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। इसका विशाल आकार भूजल को रिचार्ज कर स्थानीय आबादी के लिए पानी का स्रोत प्रदान करता है। यह तालाब आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पतौरा पोखरा का सिकुड़ना और बिगड़ना आसपास के लगभग दो किलोमीटर के दायरे में भूजल स्तर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। जैसे-जैसे तालाब सूखता जाता है या प्रदूषित होता है, यह अपनी रिचार्ज क्षमता खो देता है। इससे हैंडपंप व कुंओं में पानी की कमी हो सकती है। पतौरा के सत्यम कुमार, प्रमोद कुमार, नरेश प्रसाद व सूरज नारायण पटेल कहते हैं कि जल जीवन हरियाली मिशन से इस तालाब का जीर्णोद्धार कर भूजल स्तर को ऊपर उठाया जा सकता है। पतौरा पोखरा का जीर्णोद्धार पतौरा व आसपास के इलाकों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देने में सहायक होगा। अतिक्रमण से सिकुड़ता जा रहा तालाब : रामाकांत तिवारी, सोनालाल साह, भूपेन्द्र दुबे, संजीत कुमार व राकेश कुमार कहते हैं कि पोखरा के एक चौथाई से अधिक हिस्से पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। यह न केवल तालाब के आकार को कम करता है बल्कि इसके पारिस्थितिक संतुलन को भी बिगाड़ता है। कुछ लोगों ने तालाब के बांध पर अस्थायी झोपड़ियां खड़ी कर रखी है। मवेशी के मलमूत्र से पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। पानी मे कचरा फेंककर प्रदूषण फैलाया जा रहा हैं। वहीं कुछ लोग बांध पर लगे हरे-भरे पेड़ों को काट कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह क्षेत्र की हरियाली और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। यह अवैध गतिविधियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस पर नियंत्रण आवश्यक है। तालाब के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की हो रही मांग : रामटहल पटेल, लंगटु महतो, सुरेश पाठक, जयनारायण पासवान व जयप्रकाश प्रसाद कहते हैं कि तालाब के चारों तरफ जंगल-झाड़ी उग आने से इसकी सुंदरता समाप्त हो रही है। पोखरा के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण से यह स्थल शहर के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। इस तालाब को रमणीय स्थल में बदलने की असीम संभावनाएं हैं। यदि सही तरीके से योजना बनाई और क्रियान्वित की जाए, तो यह शहर के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सकता है, जो स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा। इनका कहना है कि तालाब के चारों ओर चहारदीवारी का निर्माण न केवल अतिक्रमण को रोकने में मदद करेगा बल्कि इसके सौंदर्य को भी बढ़ाएगा। चहारदीवारी के भीतर, विभिन्न प्रकार के फल-फूलों के पौधे लगाए जा सकते हैं, जो मौसमी फूलों और सुगंध से इस क्षेत्र को भर देंगे। एक हरा-भरा और फूलों से भरा वातावरण आंखों को सुकून देगा। बांध पर हो चबूतरा व बेंच का निर्माण : रूपेश श्रीवास्तव, राजवीर कुमार, सत्येन्द्र साह, रवीन्द्र तिवारी, राजन द्विवेदी, अंकित कुमार व मोहन साह कहते हैं कि पोखरा के बांध पर एक सुंदर पाथवे का निर्माण किया जाना जरूरी है। पाथवे निर्माण से यह तालाब सुबह-शाम टहलने वालों, जॉगर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान हो जाएगा। पाथवे के साथ-साथ, लोगों के बैठने के लिए चबूतरे व बेंच स्थापित किया जाना चाहिए।

तालाब किनारे स्ट्रीट लाइट व बीच में फव्वारा का निर्माण हो
रामाकांत तिवारी, सोनालाल साह, भूपेन्द्र दुबे, संजीत कुमार व राकेश कुमार ने कहा कि पतौरा पोखरा को जीवंत और सुरक्षित बनाए रखने के लिए शाम में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था आवश्यक है। सौंदर्यीकरण के तहत स्ट्रीट लाइट, झालर-झूमर लगाकर तथा तालाब के बीच में फव्वारा का निर्माण हो जाये तो यहां का दृश्य काफी मनमोहक व आकर्षक बन सकता है। लोग देर रात तक रुक कर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। उचित प्रकाश व्यवस्था से आमलोगों खासकर महिलाओं व बच्चों में असुरक्षा की भावना समाप्त होगी। साथ ही लोग बैठकर आराम कर सकें और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें।
बोले जिम्मेदार
नगर निगम के वार्ड नंबर - 09 अंतर्गत पतौरा पोखर के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए जलजीवन हरियाली के तहत प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके अलावा पतौरा पोखर की मापी कराकर इसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। इस पोखर व आसपास के जगहों पर जल जीवन हरियाली योजना के तहत पौधरोपण किया जाएगा। सरकारी योजना के तहत इस पोखर पर घाट और चबूतरा का निर्माण कराया जाएगा। निगम से जुड़े नए क्षेत्रों में जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
-सौरभ सुमन यादव, नगर आयुक्त, मोतिहारी।
सुझाव
1. पोखरा पर हुए सभी अवैध कब्जों को बलपूर्वक हटाया जाए, ताकि तालाब अपने मूल आकार में वापस आ सके।
2. तालाब के चारों तरफ पाथ-वे, बेंच, स्ट्रीट लाइट और पौधरोपण किया जाए। इससे पोखरा सुंदर व आकर्षक दिखेगा।
3. तालाब के किनारे सार्वजनिक शौचालय और सामुदायिक भवन का निर्माण हो, ताकि आगंतुकों को आवश्यक सुविधाएं मिल सके।
4. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत पोखरा का जीर्णोद्धार कराया जाए। इससे भूजल स्तर को भी बनाए रखने में मदद मिलेगी।
5. परियोजना के सफल क्रियान्वयन व रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों, संगठनों व प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित किया जाए।
शिकायतें
1. करीब 5 एकड़ 21 डिसमिल के तालाब की एक चौथाई से अधिक भूमि पर अवैध कब्जा है। इससे तालाब सिकुड़ता जा रहा है।
2. तालाब के बांध पर अस्थायी झोपड़ियां बना ली गई हैं। कुछ लोग पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, हरियाली नष्ट हो रही है।
3. यह तालाब लोगों के टहलने-बैठने का रमणीय स्थल बन सकता है, पर अतिक्रमण के कारण यह अनुपयोगी हो गया है।
4. तालाब के सिकुड़ने और प्रदूषित होने से आसपास के क्षेत्रों का भूजल स्तर गिर रहा है, इससे पानी का संकट हो रहा है।
5. तालाब के अतिक्रमण और पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर प्रशासन की उदासीनता से समस्या और गंभीर हो गई है।

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