ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मोतिहारीप्रकृति जरुरत पूरी कर सकती है, लालच नहीं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

प्रकृति जरुरत पूरी कर सकती है, लालच नहीं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में गुरुवार को रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने ‘ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन: जल संरक्षण और प्रबंधन द्वारा...

प्रकृति जरुरत पूरी कर सकती है, लालच नहीं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीFri, 18 Oct 2019 03:43 PM
ऐप पर पढ़ें

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में गुरुवार को रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने ‘ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन: जल संरक्षण और प्रबंधन द्वारा अनुकूलन और शमन विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने चित्रों के माध्यम से ही जल, जमीन, सूरज, बादल, पेड़-पौधों व मनुष्यों के आपसी संबंध, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन आदि को रोचक ढंग से समझाया। वर्ष 1985 की सूखी नदी व पहाड़ी की तुलना में जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने के बाद बदली हुई स्थिति में वर्ष 2000 में पुर्नजीवित नदी और उसके आस-पास की हरियाली की तस्वीर को प्रोजेक्टर की सहायता से दिखाया। आगे कहा कि प्रकृति में हम सब की जरुरत पूरी करने की शक्ति है, लेकिन एक भी आदमी की लालच पूरी करने की शक्ति नहीं है। अपने पूर्व के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि के आर नारायणन जब राष्ट्रपति थे तो उनके गांव में जाकर उन्होंने हमारी पांचों नदियों को देखा जो पुर्नजीवित हो गयी थीं और वहां गांव में नदी के लिए कार्य करने वालों को सम्मानित किया। जब राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित मुगल गार्डन में तालाब बनाने की जरुरत पड़ी तो उसी गांव के अनपढ़ इंजीनियरों को बुलाना पड़ा। इसका मतलब है कि अभी भी भारत के लोकतंत्र में अच्छे लोगों का आदर होता है। अपने कार्यों और अनुभवों को विद्यार्थियों व शिक्षकों के साथ साझा करते हुए रेगिस्तानी इलाके में जल संरक्षण के बारे में बताया कि जब वे वहां गये तो सारी नदियां सूख गयी थीं, एक बूंद पानी नहीं था, कुएं सूख गये थे। सारा इलाका उजड़ा हुआ था। वहां जल संरक्षण के बाद हरियाली आयी। गांधी जी कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि उनके जीवन में उत्तरदायित्व पहले था और अधिकार की बात बाद में थी। अगर आप ईमानदारी से काम करते हैं तो आप भूल जाते हैं कि आपके पास कितनी डिग्रियां हैं, आपके काम का सम्मान होता है। काम करने वाले को डिग्री की जरुरत नहीं होती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें