2024: उपलब्धियों से शुमार रहा सदर अस्पताल
सदर अस्पताल ने 2024 में बच्चों के बेहतर इलाज के लिए नई सुविधाओं का उद्घाटन किया है, जिसमें 74 बेड का पीकू वार्ड, नवजात आईसीयू और 100 बेड का मदर चाइल्ड केयर यूनिट शामिल हैं। पहले 12 बेड वाले पीकू वार्ड...

मोतिहारी, नगर संवाददाता। वर्ष 2024 सदर अस्पताल के लिए उपलब्धि का वर्ष रहा। मरीजों के बेहतर इलाज और सुविधा के लिए पीकू वार्ड नवजात आईसीयू के साथ साथ फेब्रिकेटेड वार्ड की किसी भी आपदा की स्थिति में इस वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा सकता है। यह वार्ड 74 बेड का है। इन दोनों वार्ड के साथ साथ 100 बेड का मदर चाइल्ड केयर यूनिट का चालू होना, इस वर्ष की बेहतर उपलब्धि माना जा रहा है। बताया जाता है कि पहले सदर अस्पताल में मात्र 12 बेड का पीकू वार्ड था। विशेष स्थिति में मसलन जेई सहित चमकी बुखार में 12 से अधिक मरीज होने पर ऐसे गंभीर मरीज को रेफर किया जाता था। मगर अब नए भवन में बेड की संख्या अधिक होने से गंभीर बीमार बच्चे रेफर नहीं हो रहे हैं। क्योंकि इस वार्ड में बेहतर शिशु रोग विषेशज्ञ डॉक्टर पंकज कुमार, डॉक्टर कुमार अमृतांशु और डॉक्टर नीरज कुमार सभी एमडी डॉक्टर की ड्यूटी है। साथ ही दवा से लेकर आधुनिक उपकरण की सुविधा भी उपलब्ध है। बताते हैं कि इधर तीन महीने में पीकू वार्ड से मात्र पांच बच्चे विशेष स्थिति में रेफर किए गए। बताते हैं कि राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में भी जिला के पीकू वार्ड की व्यवस्था और इलाज के मामले में तीसरे नंबर पर है।
सदर अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दुबे ने बताया कि पीकू वार्ड के अलावा फेब्रिकेटेड वार्ड जो 72 बेड का है। यह इमरजेंसी में बहुत कारगर होगा। खास कर जापानी इंसेफलाइटिस, करोना जैसे महामारी में यह वार्ड काफी उपयोगी साबित होगा। यह वार्ड भी आधुनिक सुविधा से लैस है।
बताया जाता है कि मदर चाइल्ड केयर यूनिट जो इस साल से चालू किया गया है। इस सदर अस्पताल की व्यवस्था को चार चांद लगा रहा है। साथ ही मरीजों के लिए भी इलाज से लेकर जांच तक के लिए सुविधा वार्ड बन गया है। करीब सौ बेड का यह वार्ड है, जो तीन करोड़ की लागत से बना है। इस वार्ड में मरीज को जांच, इलाज की सुविधा से लेकर नवजात के लिए एसएनसीयू की सुविधा है। इसके अलावा महिला का आउटडोर की भी सुविधा है।
सदर अस्पताल के नोडल डॉक्टर कुमार अमृतांशु ने बताया कि सदर अस्पताल के पीकू वार्ड ने 6 बेड का अलग से आईसीयू भी है। जहां गंभीर मरीज के साथ अभिभावक की भी रहने की सुविधा है, जो बिहार के किसी अस्पताल में नहीं है। सिजेरियन के मामले में भी सदर अस्पताल राज्य स्तर पर बेहतर चल रहा है।
सीएस डाक्टर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि यह सब बेहतर उपलब्धि सरकार की नीति और डॉक्टर सहित बेहतर प्रबंधन और स्टॉफ के चलते हो पाया है। आने वाले साल में भी बेहतर उपलब्धि होगी।
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