लॉकडाउन को ले मंदिर परिसर में लटका ताला
भाद्रपद मास अनंत शुक्ल चतुर्दशी व त्रयोदशी के अवसर पर बिहार प्रसिद्ध सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर अरेराज के पंचमुखी शिवलिंग के ऊपर हरसाल जहां लाखों की संख्या में जलाभिषेक होता चला आ रहा था ,वहीं इस वर्ष...
भाद्रपद मास अनंत शुक्ल चतुर्दशी व त्रयोदशी के अवसर पर बिहार प्रसिद्ध सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर अरेराज के पंचमुखी शिवलिंग के ऊपर हरसाल जहां लाखों की संख्या में जलाभिषेक होता चला आ रहा था ,वहीं इस वर्ष के लॉकडाउन के कारण सन्नाटा पसरा है।
मंदिर परिसर सम्पूर्ण अरेराज मेला क्षेत्र वीरान पड़ा हुआ है। साल का अति महत्वपूर्ण अनंत चतुर्दशी मेले के अवसर पर नेपाल,यूपी सहित बिहार के मुजफ्फरपुर , शिवहर , सारण, समस्तीपुर आदि जिलों से एक से दो लाख शिवभक्त बागमती सहित विभिन्न नदियों के अलग अलग घाटों से जलबोझी कर अरेराज पहंुचकर बाबा का जलाभिषेक करते थे। अनंत चतुर्दशी मेले में विधि व्यवस्था संधारण करना प्रशासन के लिए भी चुनौती पूर्ण भरा कार्य होता था । लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर अनंत चतुर्दशी मेले के आयोजन पर रोक व मंदिर के कपाट को बंद कर दिये जाने से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र वीरान दिखने लगा है। अरेराज का यह अनन्त चतुर्दशी मेला साल का सबसे भारी व अंतिम मेला है जिसके आयोजन पर रोक लगा दिए जाने से यहां के पंडा समाज, व्यवसायियों व दुकानदारों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। दो दिवसीय इस अनंत चतुर्दशी मेले के आयोजन पर सरकार द्वारा रोक लगा दिए जाने से अरेराज के कारोबारियों को करोड़ों का चूना लगा है। व्यवसायियों व दुकानदारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। भक्तों के मनोरंजन के लिए प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सोमेश्वर महोत्सव के सरकारी आयोजन पर भी इस साल रोक लगा दी गयी है।।
क्या कहते हैं एसडीओ व डीएसपी: एसडीओ संजीव कुमार व डीएसपी ज्योति प्रकाश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को रोकने को लेकर आगामी छह सितंबर तक मन्दिर के खोलने व किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन को प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसके कारण अनंत चतुर्दशीमेला का आयोजन नहीं किया गया है। रोक के बावजूद यदि कोई श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हंै तो पकड़े जाने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं महंथ
पीठाधीश्वर महंत रविशंकर गिरि कहते हंै कि लॉकडाउन के कारण अति प्रसिद्ध यह मन्दिर लगभग पांच महीनों से बंद है । जिसके कारण अब मन्दिर के कर्मचारियों , पुजारियों व सेवादारों के वेतन व दैनिक रागभोग शृंगार आदि के खर्च का बोझ प्रति माह बढ़ता ही जारहा है। लॉकडाउन के कारण मंदिर प्रबंधन को आर्थिक बोझ के संकट से जूझना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं पंडा -पुजारी
फूल विल्वपत्र व पूजन सामग्री विक्रेता व पंडा विनोद गिरि कहते हंै कि इस साल का अनन्त चतुर्दशी व श्रावणी मेले के अवसर पर सोमेश्वर नाथ मंदिर के कपाट के बन्द रहने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा के दरबार में नहीं पहंुच सकी है जिसके कारण उनलोगों को आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ा है। पंडा पुजारियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।