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बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि

नेपाली नदियों के उफनाने से जिले में बाढ़ का खतरा गहराने की आशंका बढ़ गयी है। दिनभर रुक रुककर बारिश होने से नदियों के जलस्तर बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को वर्षापात 21.5 मिमी रिकार्ड किया गया। वहीं...

बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीSat, 12 Aug 2017 12:21 AM
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नेपाली नदियों के उफनाने से जिले में बाढ़ का खतरा गहराने की आशंका बढ़ गयी है। दिनभर रुक रुककर बारिश होने से नदियों के जलस्तर बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को वर्षापात 21.5 मिमी रिकार्ड किया गया। वहीं वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शुक्रवार को 1.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। जल संसाधन विभाग के एसई सतीश कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। संभावित बाढ़ को लेकर तटबंधों की सुरक्षा को ले अलर्ट जारी किया गया है। रक्सौल -घोड़ासहन नहर सड़क बंगरीपुल के पास ध्वस्त: रक्सौल। क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही भारी वर्षा से आदापुर रक्सौल की प्रमुख घोड़ासहन नहर सड़क के बंगरीपुल के पश्चिम आरडी नंबर 120 के पास शुक्रवार को सड़क ध्वस्त हो गया। सड़क ध्वस्त होने से कुछ समय के लिए यातायात ठप हो गया। लेकिन बाद में ठीक कर आवागमन बहाल किया गया। घोड़ासहन केनाल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सड़क के रख रखाव उनके दायरे में नहीं आता। बावजूद जनहित में ध्वस्त सड़क पर ईंट राबिस गिरा कर यातायात सुचारु कर दिया गया है। बावजूद सड़क पर बड़े वाहन व बस का परिचालन ठप है। रुक-रुक कर हो रही बारिश से नगर के अधिकतर वार्डों मे स्थिति नारकीय:चकिया। शहर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है। शहर की सडकों पर जगह जगह पर पानी जमा होने से सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। नगर का ऐसा कोई भी वार्ड नहीं है जहां जलजमाव न हो । बरसात ने नपं के इंतजामों पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। नगर में मच्छरों और बरसाती कीड़ों की संख्या में अप्रत्याशित विृद्ध देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति झुग्गी—झोपड़ी में रहने वाले लोगों की है। बरसात ने उनके रहने से लेकर खाने—पीने तक की परेशानी हो गई है । नगर के चाणक्यपुरी कॉलोनी तथा वार्ड नौ स्थित मिल क्वार्टर के आगे का नजा़रा अत्यधिक भयावह है।अमूमन यही स्थिति प्रोफेसर कॉलोनी से लेकर वार्ड तीन तक दिखती है।पानी लोगों के घरो में दस्तक देने लगा है। जगह जगह जलजमाव होने से महामारी की आशंका गहराने लगी है। नपं द्वारा न तो ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया और न ही फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है । नालों की सफाई के नाम पर केवल लीपापोती का खेल चल रहा है। नगर में नालों पर पर्याप्त मात्रा में स्लैब तक नहीं है।

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