ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मोतिहारीभयावह स्थिति: घर-घर कोरोना देने लगा दस्तक

भयावह स्थिति: घर-घर कोरोना देने लगा दस्तक

अब कोरोना संकट घर घर दस्तक़ देने लगा है। तीन दिनों में मोतिहारी कोरोना ट्र ूनेट जांच जाच केंद्र पर करीब 94 सेम्पल जांच के लिए भेजा गया जिसमें आधे लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। यानी इस हिसाब से...

भयावह स्थिति: घर-घर कोरोना देने लगा दस्तक
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीWed, 22 Jul 2020 03:24 AM
ऐप पर पढ़ें

अब कोरोना संकट घर घर दस्तक़ देने लगा है। तीन दिनों में मोतिहारी कोरोना ट्र ूनेट जांच जाच केंद्र पर करीब 94 सेम्पल जांच के लिए भेजा गया जिसमें आधे लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। यानी इस हिसाब से जिला की आधी आबादी कोरोना की चपेट में आ गयी है। जिसकी लेकर स्वास्थ्य महकमा की परेशानी बढ़ गयी है। न तो सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की इतनी बड़ी संख्या को रखने के लिए बेड है और न वेंटिलेटर की सुविधा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में जिस तेजी से कोरोना विस्फोट हो रहा है, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है । मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अधिकांश पॉजिटिव मरीजों को होम क़्वारंटाइन कर रहा है। यानी स्वास्थ्य विभाग एक तरह से संकट को देख दोनों हाथ खड़ा कर दिया है। बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से स्वास्थ्य विभाग के पास न तो बेड है और न स्टाफ व डॉक्टर हैं। वेंटिलेटर भी नहीं है। किसी तरह से अब तक ऑक्सीजन व दवा के बल पर करीब 5 सौ मरीजों को ठीक कर घर भेजा है। मगर अब बढ़ते मरीजों की संख्या को देख घर पर ही क्वारंटाइन किया जा रहा है। जानकर बताते हैं कि करीब 180 कोरोना पॉजिटिव मरीज होम क्वारंटाइन किये गए हैं। बताया जाता है कि फिलहाल कोरोना पॉजिटिव मरीज के इलाज के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में सो कोरोना पॉजिटिव मरीज की प्रारंभिक इलाज की सुविधा है। गम्भीर होने पर वेंटिलेटर के अभाव में रेफर करना डॉक्टर की मजबुरी है। मगर स्थिति यह है कि जो मरीज रेफर हो कर यहां से गये वे जिंदा नहीं लोटे। मृतक के परिजनों ने पटना अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में घोर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। बताते हैं कि रेफर 7 मरीजों की मौत ही गयी है।

बिना लक्षण वाले मिल रहे मरीज काफी खतरनाक

कोरोना आईसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ यूएस पाठक बताते हैं कि अभी तक 4 सौ से ज्यादा लोगों में पाया गया कि उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं, फिर भी वे पॉजिटिव हैं। जो काफी खतरनाक है। अब यह कह पाना की सामने वाला पॉजिटिव है या निगेटिव बड़ा मुश्किल है। इसका प्रभाव डॉक्टरों पर भी पड़ रहा है। कई डॉक्टर इसके चपेट में आ गए हंै। उन्होंने कहा कि खुद बचें व दूसरों को भी बचायें। जांच जरूर करवा लें। सीएस डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि जिला समुदायिक कोरोना संक्रमण की ओर तेजी से बढ़ रहा है। लोग सावधानी बरतें। सुरक्षित रहें।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें