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...सर! मेरा बच्चा बीमार है, उसे आप बचा लीजिए

उत्तर बिहार में चमकी-बुखार से अब तक 160 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस पर मची हायतौबा के बाद स्वास्थ्य महकमा भले ही तमाम लंबे-चौड़े दावे कर रहा हो, लेकिन अस्पतालों की स्थिति में अब भी सुधार नहीं है।...

...सर! मेरा बच्चा बीमार है, उसे आप बचा लीजिए
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीSat, 22 Jun 2019 12:36 AM
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उत्तर बिहार में चमकी-बुखार से अब तक 160 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस पर मची हायतौबा के बाद स्वास्थ्य महकमा भले ही तमाम लंबे-चौड़े दावे कर रहा हो, लेकिन अस्पतालों की स्थिति में अब भी सुधार नहीं है। कहीं दवा नहीं तो कहीं डॉक्टर साहब नदारत।

दिन के करीब 11 बजे सदर अस्पताल के पीकू वार्ड के पास अचानक शोर होने लगा सर, मेरा बच्चा बीमार है, बचा लीजिए। यह सुनते ही सदर अस्पताल प्रबंधक भारत भूषण, डीपीएम अमित अचल व स्टोर कीपर ब्रज भूषण पीकू वार्ड की ओर लपके। पीकू वार्ड के डॉक्टर पंकज फौरन उस बच्चे का देखते हैं और इलाज शुरु कर देते हैं। बच्चे की मां को समझाया जा रहा है। घबड़ाये नहीं सही जगह बच्चा इलाज के लिए आ गया है। बच्चा ढाका से आया था। उम्र करीब सात साल थी। नाम शबनम है। इसी बीच एक और महिला बच्चे को लिये इमरजेंसी वार्ड में पहुंची। डॉक्टर ने उसे मृत बता लौटा दिया। महिला रोती-बिलखती घर लौट गयी । बच्चा केसरिया का था।

दिन के 12 बज गये हैं। पीकू वार्ड के डॉक्टर सहित स्टाफ बच्चों के इलाज में मशगूल थे। इस दौरान दूसरा वार्ड जो नन इंसेफलाइटिस है। वहां कुछ मरीज के अभिभावक स्टाफ से जोर-जोर से दवा देने की मांग कर रहे थे। पहुंचने पर बनकट के भोला सहनी , बीगन देवी महदीपूर, रानी देवी घेघवा बताती हंै कि बच्चे को बुखार हो गया था। इलाज के लिए भर्ती है। स्वस्थ हो रहा है। लेकिन, सभी दवा नहीं मिल रही है। कुछ दवा की खरीदारी उन्होंने की है। दवा मांगने पर नहीं दी जा रही है। हालांकि, उन सबों ने व्यवस्था पर संतोष जताया।

दिन के करीब 1 बजे हैं। आउटउोर में डॉक्टर कुमार अमृतांशु बच्चों को देख रहे हैं। आंगन में 50 से अधिक बच्चों के अभिभावक इंतजार मेंे हैं। डॉक्टर बताते हैं कि अभी तक सौ से अधिक बीमार बच्चों को देख चुके हैं। कई और बच्चों को देखाना बाकी है। एक डॉक्टर ने बताया कि इंसेफलाइटिस का हल्ला होने से गांव के लोग बच्चे को लेकर भागे भागे आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में दो डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए। सूरत दास रात में अरेराज से आये हैं। उन्होंने बताया कि नौ बजे से डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं। तुरकौलिया के एकराम बताते हैं कि 11 बजे सुबह से बीमार बच्ची को लेकर खड़े हैं। अभी तक डॉक्टर से नहीं दिखा पाये हैं। अब तक 25 बच्चों में मिली एईस की बीमारी: इस व्यवस्था को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक डा. केएन गुप्ता बताते हैं कि इंसेफलाइटिस को लेकर सदर अस्पताल में दो वार्ड बनाये गये हैं।

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