फुटपाथ पर अतिक्रमण व गंदगी से परेशानी, वेंडिंग जोन का हो निर्माण
शहर में फुटपाथ पर अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है। दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर्स और वाहन चालक फुटपाथ पर कब्जा जमा चुके हैं, जिससे राहगीरों को सड़क पर चलना पड़ता है। इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है।...
शहर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं है जहां की सड़कों पर बना फुटपाथ अतिक्रमण का शिकार नहीं हो। सभी चौराहे व सड़कों की यहीं स्थिति है। दुकानदार स्ट्रीट वेंडर्स व वाहन चालक फुटपाथ पर अपना कब्जा जमा लिया है। एक तरह से यह कब्जा स्थायी तौर पर दुकानदारों ने जमा लिया है। बांस व बल्ला से मार्किंग कर वहां हर रोज अपनी छोटी बड़ी दुकानें लगाते हैं। चिह्नित स्थान पर कोई दूसरा दुकान नहीं लगा सकता। दुकानों से जहां की सड़कें बचती है उधर वाहन चालक अपना पड़ाव बना देते हैं। कोई राहगीर सड़क किनारे बने फुटपाथ से जगह के अभाव में नहीं चल सकता।
पैदल चलने वाले वृद्ध, बच्चे व दिव्यांग राहगीरों को मुख्य सड़क से ही चलना पड़ता है। इससे तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों की चपेट में आकर हादसे के शिकार होते हैं। सड़क किनारे बने फुटपाथ पर अवैध कब्जा यातायात की स्थिति को और खराब बना देती है। बरियारपुर के लालबाबू प्रसाद पाल ने बताया कि नगर निगम व स्थानीय प्रशासन को अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। शांतिपुरी के गौतम सिंह का कहना है कि प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। फुटपाथ अतिक्रमण से उसके दुष्प्रभावों के बारे में भी शहर के लोगों को बताना आवश्यक है। कुंदन कुमार ने बताया कि फुटपाथ पर पैदल चलने की जगह नहीं देना और उसे अतिक्रमित कर लेना पैदल यात्री, वृद्धजन व दिव्यांग यात्रियों के अधिकार का हनन किया जाता है। यह उनके सुरक्षा के प्रति खतरा है। अरबिन्द कुमार ने बताया कि एक दुकानदार के फुटपाथ पर अवैध कब्जा जमाने से सैकड़ों राहगीरों को सड़क पर चलने में परेशानी होती है। सख्त कदम प्रशासन ही उठा सकती है। प्रशासन तो फुटपाथ से अवैध कब्जा हटाती है और उसका नियमित निरीक्षण नहीं करने से स्थिति बरकरार हो जाती है। व्यवसायी संघ के राय राहुल शर्मा का कहना है कि कई बार व्यवसायी व स्थानीय प्रशासन के बीच फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने पर विमर्श हुआ। स्थानीय प्रशासन इस पर अमल नहीं करती है। बैठक में सबकी राय ली जाती है और मनमाना किया जाता है। शिवप्रकाश सिन्हा ने बताया कि छतौनी चौक पर फुटपाथ दुकानदारों का तांडव है। काफी चौड़ी सड़क को गली की तरह बना दिया गया है। इसके ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात सिपाही फुटपाथ दुकानदारों से अवैध राशि की उगाही करते हैं। नगर निगम एक रसीद देकर टैक्स काटती है। राहगीरों के नुकसान से प्रशासन को कोई मतलब नहीं है। पप्पु सिंह ने बताया कि नगर भवन के सामने वेंडिंग जोन भी बनाया गया लेकिन फुटपाथ दुकानदार उसे जोन को गोदाम के रुप में उपयोग करते हैं और सड़क किनारे फुटपाथ पर अपनी दुकान लगाते हैं। नजमुला जमा खान व उर्फ फुल बाबू का कहना है कि मीना बाजार पुल टाेकड़ी , ठेला, साइकिल पर सौ से अधिक दुकानें सज रही है। ग्राहक अमरुद, सेव या अन्य सामान खरीदने के लिये अपनी बाइक सड़क पर ही खड़ी करते हैं। यह मुख्य सड़क सुबह से लेकर दस बजे रात तक जाम रहता है। बलुआ चौक, जानपुल चौक, रेलवे स्टेशन रोड, गांधी स्मारक राेड, राजा बाजार कचहरी रोड, छतौनी चौक, मधुबन छावनी चौक पर अवैध कब्जा है।
प्रस्तुति : राकेश रंजन / विजय कुमार सिंह
बोले जिम्मेदार
सड़क किनारे फुटपाथ पैदल, वृद्ध व दिव्यांगजनों के पैदल चलने के लिए है। फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के लिये अतिक्रमण हटाने के लिये अभियान चलेगा। इसके लिये वे एसपी से डिस्कस करेंगे। फुटपाथ से अतिक्रमण को खाली कराया जायेगा। अभियान शुरु होने से पूर्व जिन दुकानदारों ने अवैध कब्जा किया है वे खुद से खाली कर दें। बाद में कानूनी रूप से कब्जा हटाने के बाद प्रशासन वैसे लोगों से जुर्माना भी वसूल करेगा।
- सौरभ जोरवाल, डीएम, पूर्वी चंपारण
सुझाव
1. गायत्री नगर मोड़ के समीप बने फुटपाथ से मछली हाट हटाने की जरुरत है। गंदगी से राहगीरों को भारी परेशानी होती है। 2. शहर की सड़कों पर बने फुटपाथ खाली कराने पर शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारु रुप से ठीक किया जा सकता है। 3. फुटपाथ दुकानदारों से अवैध वसूली पर रोक लगना चाहिए। वरीय अधिकारी इस पर संज्ञान लेते हैं, सख्ती से पेश आएं। 4. नगर निगम व जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के बाद नियमित निरीक्षण की आवश्यकता है। 5. चौराहे पर जमीन को चिह्नित कर वेंडिंग जोन का निर्माण कर दिया जाये तो फुटपाथ पर अवैध कब्जा से मुक्ति मिल जायेगी।
शिकायतें
1. मीना बजार पुल पर बने फुटपाथ व बेंच पर दुकानदार बैठ कर मछली बेचते हैं। गंदगी सड़क पर फेंकते हैं। बदबू से परेशानी है। 2. शहर में सड़क किनारे बने फुटपाथ को जब तक खाली नहीं कराया जायेगा तब तक यातायात की समस्या बनी रहेगी। 3. फुटपाथ दुकादारों से नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस चुंगी वसूली करती है। इससे वे निडर होकर सड़क पर दुकान सजाते हैं। 4. अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के बाद नगर निगम व स्थानीय प्रशासन नियमित निगरानी नहीं करते हैं। 5. सभी चौराहों पर अलग अलग वेंडिंग जोन नगर निगम नहीं बनाती है। इसके कारण हर जगह अतिक्रमण होता है।
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