नगर निगम बनाने की कवायद फिर शुरू
मोतिहारी नगर परिषद को नगर निगम बनाने की उम्मीद बढ़ गयी है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए नये सिरे से प्रस्ताव भेजने को कहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद विभागीय स्तर पर इसको लेकर प्रक्रिया शुरू...
मोतिहारी नगर परिषद को नगर निगम बनाने की उम्मीद बढ़ गयी है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए नये सिरे से प्रस्ताव भेजने को कहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद विभागीय स्तर पर इसको लेकर प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर परिषद बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव : नगर परिषद बोर्ड की 29 जून को मासिक साधारण बैठक हो रही है। बोर्ड की बैठक में मोतिहारी को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। जिस पर वार्ड सदस्यों के बीच चर्चा के बाद प्रस्ताव को पारित कर विभाग को भेजा जाएगा।
पूर्व में भेजे गये प्रस्ताव पर नहीं लग पायी थी मुहर : नगर विकास विभाग के द्वारा 16 अप्रैल 2008 को सर्वप्रथम मोतिहारी को नगर निगम बनाने के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। इसके बाद नगर परिषद के स्तर से कई बार प्रस्ताव भेजा गया। इस कड़ी में अंतिम प्रस्ताव वर्ष 2013 में भेजा गया था। साथ ही प्रस्तावित नगर निगम क्षेत्र का नक्शा भी जिला प्रशासन को भेजा गया था। उल्लेखनीय है कि मोतिहारी को नगर परिषद का दर्जा उस समय दिया गया था, जब इसकी आबादी कम थी। लेकिन अब इसकी आबादी व क्षेत्र में लगातार विस्तार हो रहा है। ऐसे में शहर में जनसंख्या अधिक होने के कारण शहरी आबादी का फैलाव शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है। ऐसे में उन्हें भी शहर की सुविधा मिलने के लिए नगर निगम का दर्जा मिलना जरूरी है।
शहर के अगल-बगल के क्षेत्रों को है जोड़ना : नगर निगम बनाने के लिए प्रस्ताव में शहरी क्षेत्र के आस-पास के गांवों को जोड़ने की संभावना है। नगर परिषद सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित नगर निगम में शहर से सटे रघुनाथपुर, बरियारपुर, हरदिया (मजुराहा), तरकुरवा (भाग), दारोगा टोला (भाग), महमुद नगर (भाग), अमर छतौनी (भाग), चैलाहां (भाग), बंजरिया हीवन (भाग), बंजरिया (भाग), पीपरा, हरियनछपरा, बरकुरवा, पतौरा लाला टोला (भाग), चंद्रहियां (भाग), बनकट बैरिया आदि को जोड़ा जा सकता है।
विभाग ने नगर निगम के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है। इसे 29 जून को बोर्ड की बैठक में प्रमुख एजेंडा के रूप में रखा गया है। बैठक में प्रस्ताव पारित कर विभाग के पास भेजा जाएगा। विभाग से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
-अंजू देवी, मुख्य पार्षद, मोतिहारी नप
चाहिए दो लाख की आबादी
नगर निगम बनाने के लिए सबसे जरूरी शर्त नगर निकाय की आबादी न्यूनतम दो लाख होनी चाहिए। जबकि वर्तमान में नगर परिषद की आबादी इससे अधिक है। ऐसे में जनसंख्या अधिक होने के कारण शहरी शहरी आबादी का फैलाव शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है।
बना तो मिलेगी ये सुविधा
नगर निगम बन जाने से इन ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। जिससे अभी तक वहां के लोग वंचित हैं। मसलन, सफाई की व्यवस्था, पानी की निकासी, कूड़ा का उठाव, रौशनी आदि की व्यवस्था का लाभ उन्हें मिलेगा।