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ढाका कांड: मेडिकल जांच के लपेटे में डीएस भी

ढाका की एक लड़की के साथ हुए बलात्कार के आरोप में कोर्ट ने अभियुक्तों को मरने तक जेल में रहने की सजा 24 मई को सुनाया है। वहीं इस मामले में पीड़िता का मेडिकल जांच कोर्ट के आदेश के बाद भी एक दिन बाद सदर...

ढाका कांड: मेडिकल जांच के लपेटे में डीएस भी
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीMon, 12 Jun 2017 12:40 AM
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ढाका की एक लड़की के साथ हुए बलात्कार के आरोप में कोर्ट ने अभियुक्तों को मरने तक जेल में रहने की सजा 24 मई को सुनाया है। वहीं इस मामले में पीड़िता का मेडिकल जांच कोर्ट के आदेश के बाद भी एक दिन बाद सदर अस्पताल में डीएस के द्वारा कराये जाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को सदर अस्पताल के डीएस सहित इस प्रकरण में जुड़े कर्मचारी पर कार्रवाई कर प्रतिवादी को सूचना देने का निर्देश दिया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 के फरवरी में ढाका चौक के पास एक मकान से पीड़िता को ढाका पुलिस ने बरामद किया था। बरामद लड़की ने ढाका पुलिस को उसके साथ दुष्कर्म होने की बात कही थी। ढाका पुलिस ने इस मामले में ढाका में केस दर्ज किया। मेडिकल जांच के लिए पीड़िता को 25 फरवरी को कोर्ट से परमिशन लिया। 25 फरवरी को ही मेडिकल जांच के लिए उसे सदर अस्पताल लाया गया । मगर डीएस ने ढाका पुलिस को दूसरे दिन पीड़िता को लाने के लिए कह कर लौटा दिया। दुसरे दिन 26 फरवरी को शाम में पीड़िता की मेडिकल जांच करायी गयी। मानवाधिकार आयोग ने भी कार्रवाई करने का दिया है निर्देश: इस मामले को लेकर समाजिक कार्यकत्र्ता विनोद सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इसकी शिकायत की और आरोप लगाया कि मुदालहम के मेल में आकर सदर अस्पताल के डीएस व संबंधित कर्मचारी ने जान बुझकर मेडिकल जांच में लेट किया । ताकि मेडिकल जांच में कुछ नहीं मिल सके। बताते हैं कि विनोद सिंह ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां भी परिवाद दायर कर पूरी घटना की जानकारी पदाधिकारी को दी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले को संगीन अपराध मानते हुए मुख्य सचिव को इसकी जांच कर कार्रवाई के लिए सीएस को लिखा है। मुख्य सचिव के निर्देश पर फिर से पीड़िता की मेडिकल जांच की गयी। विलम्ब से कराये गये मेडिकल जांच के लिए अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। लोकशिकायत निवारण पदाधिकारी ने भी दिया है निर्देश: इस मामले में 19 मई को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि दो सप्ताह के अन्दर इस प्रकरण में डीएस पर क्या कार्रवाई की गयी । इसकी जानकारी इस कार्यालय को दे ंऔर इसकी प्रतिलिपि परिवादी विनोद सिंह को भी देने का निर्देश दिया है। कहते हैं सीएस: सिविल सर्जन डा. प्रशान्त कुमार ने बताया कि जल्द ही पूरे प्रकरण का जांच प्रतिवेदन लोक निवारण पदाधिकारी को सौंप दिया जायेगा। साथ ही की गयी कार्रवाई से भी अवगत करा दिया जायेगा।

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