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केंद्रीय विश्वविद्यालय भूमि अधिग्रहण फर्जीवाड़े की जांच निगरानी को

केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में फार्जीवाड़े की जांच अब निगरानी करेगी। एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने प्रदेश पुलिस मुख्यालय व निगरानी विभाग को पत्र भेज दिया है। उन्होंेने कहा कि...

केंद्रीय विश्वविद्यालय भूमि अधिग्रहण फर्जीवाड़े की जांच निगरानी को
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीSat, 20 Apr 2019 10:06 PM
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केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में फार्जीवाड़े की जांच अब निगरानी करेगी। एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने प्रदेश पुलिस मुख्यालय व निगरानी विभाग को पत्र भेज दिया है। उन्होंेने कहा कि जांच के लिये निगरानी विभाग को पत्र भेज दिया गया है। उनके अनुसंधान में 13 नामजद व अज्ञात लोगों पर आरोप सही पाया गया है। सदर अंचल के पूर्व सीओ की फर्जीवाड़े में भागीदारी की भूमिका है।

निगरानी विभाग फर्जीवाड़ा के केस की अब अपने तरीके से पड़ताल करेगी। जिन तेरह लोगों पर केस सही पाया गया है, उनके अलावा इस खेल में और किन लोगों की भूमिका है उसकी सूक्ष्म जांच होगी। सदर अंचल के पूर्व सीओ चौधरी वसंत कुमार सिंह पर तो पुलिस ने आरोप को सही पाया है, लेकिन भू-अर्जन अधिकारी अजीत कुमार उन 13 लोगों में शामिल नहीं हैं। अब निगरानी विभाग तह तक जायेगी। भू-अर्जन अधिकारी कांड के सूचक भी हैं और चेक पर उन्हीं के हस्ताक्षर से फर्जी सुकदेव के खाते पर रुपये आरटीजीएस हुए थे। भू-अर्जन अधिकारी को छोड़कर कार्यालय के वे सभी कर्मी आरोप के घेरे में आ गये हैं, जिनकी टेबल से फर्जी सुकदेव की फाइल गुजरी थी। गलत तरीके से मुआवजा लेने वाले फर्जी सुकदेव अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है।

एसपी ने इन्हें पाया दोषी

एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने 13 लोगों पर केस सही पाया है। इनमें जयकिशुन तिवारी, अरबिन्द सिंह, राजेन्द्र साह, प्रमोद मिश्रा, निक्की तिवारी, ललन पटेल, भू-अर्जन के प्रधान सहायक शारदानंद सिंह, राजस्व कर्मचारी उमेश सिंह, क्लर्क रामनाथ पासवान, अमीन जटाशंकर सिंह, फर्जी सुकदेव साह, नाजिर सुधीर कुमार सिंह, सीओ चौधरी वसंत कुमार सिंह व अन्य अज्ञात लोग शामिल हैं।

दर्ज हुई थी दो एफआईआर

फर्जीवाड़े में भूअर्जन अधिकारी अजीत कुमार ने नगर थाने में दो एफआईआर दर्ज करायी थी। 24 नवम्बर 18 को दर्ज एफआईआर में जयकिशुन तिवारी, सुकदेव साह व अरबिन्द सिंह को आरोपित किया गया था। 14 दिसम्बर 18 को दूसरी एफआईआर में ललन पटेल, प्रमोद मिश्रा, राजेन्द्र साह, जयकिशुन तिवारी, अरबिन्द सिंह, जयकिशुन की पत्नी निक्की तिवारी व गुलशन कुमार तिवारी को आरोपित किया गया था।

थाने व कोर्ट में किया था सरेंडर

मामले में चार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। इनमें राजस्व कर्मचारी उमेश सिंह, भू-अर्जन कार्यालय के प्रधान सहायक शारदानंद सिंह ने थाने में सरेंडर किया था। जयकिशुन तिवारी व गुलशन कुमार तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया था। दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है।

फर्जीवाड़े का है मामला

बनकट गांव के सुकदेव साह के नाम पर फर्जी ढंग से नाम व दास्तावेज का साक्ष्य लेकर केविवि की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा तीन करोड़ पांच लाख 28 हजार रुपये का उठाव कर लिया गया। 24 नवम्बर 18 को भू-अर्जन अधिकारी अजीत कुमार ने एफआईआर दर्ज करायी। उसी दिन रात में अरेराज रोड में मटियरिया के समीप एक कार दुघर्टनाग्रस्त हो गयी। जब वहां पुलिस पहुंची तो कार से 1.31 करोड़ रुपये बरामद हुए। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपित जयकिशुन तिवारी फर्जीवाड़े की राशि लेकर ससुराल भाग रहा था। इसी दौरान उसकी कार दुघर्टनाग्रस्त हो गयी। रुपये बरामदगी को लेकर हरसिद्धि में भी एक एफआईआर दर्ज की गयी।

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