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अटैची उद्योग बंद पड़ने से दर्जनों कारीगर बेकार

छोटे बड़े उद्योगों को राहत देने की घोषणा से लॉकडाउन में बंद पड़े उद्योगों को संजीवनी मिल गयी है। पर इस दौरान उद्योग बन्द होने से हुए भारी नुकसान से प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद सहयोग की दरकार है।...

अटैची उद्योग बंद पड़ने से दर्जनों कारीगर बेकार
हिन्दुस्तान टीम,मोतिहारीFri, 15 May 2020 04:46 PM
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छोटे बड़े उद्योगों को राहत देने की घोषणा से लॉकडाउन में बंद पड़े उद्योगों को संजीवनी मिल गयी है। पर इस दौरान उद्योग बन्द होने से हुए भारी नुकसान से प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद सहयोग की दरकार है। प्रखंड में लॉकडाउन से एकमात्र मध्यम उद्योग के रूप में अटैची का उत्पादन ठप है।

यहां सालों भर 40 कुशल कारीगर काम करते थे। प्रतिदिन चार से पांच सौ अटैची तैयार होती थी । जिसका सलाना टर्न ओवर करीब तीन करोड़ है। इसको लेकर प्रबंधक मनोज गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की भरपाई में लंबा समय लगने की उम्मीद है। लॉकडाउन के बीच का बिजली बिल को सरकार को पूर्णत: माफ करना चाहिए। लॉकडाउन के दौरान ठप पड़े उद्योगों में बिजली का खर्च बन्द था। बिजली बिल के माफी के बाद भी इसे चला रहे कुशल मजदूरों को उनका वेतन देना भी एक बड़े घाटे का सौदा साबित होगा। जिन्हें प्रति माह करीब पांच लाख रुपये का वेतन भुगतान देना होगा। आधे से अधिक कुशल मजदूर हैं। जिनके बगैर उद्योग धंधा बुरी तरह से प्रभावित होगा। प्रधानमंत्री की घोषणा से उद्योग जगत को भारी राहत मिली है। लोगों को रोजगार और मजदूरों को काम मिलने की संभावना बढ़ेगी।

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