Baba Pashupatinath Temple in Govindganj Attracts Devotees During Sawan पशुपतिनाथ गोविंदगज के दरबार में उमड़ती है भीड़, Motihari Hindi News - Hindustan
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पशुपतिनाथ गोविंदगज के दरबार में उमड़ती है भीड़

गोविंदगंज के बाबा पशुपति नाथ मंदिर में सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यह मंदिर सदियों से आस्था का प्रतीक है और भक्त यहां जलाभिषेक करने आते हैं। 1957 में स्थापित इस मंदिर में महाशिवरात्रि और...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीMon, 28 July 2025 12:42 AM
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पशुपतिनाथ गोविंदगज के दरबार में उमड़ती है  भीड़

अरेराज, निसं। सदानीरा नारायणी नदी के पावन तटवर्ती गांव गोविंदगंज में स्थापित बाबा पशुपति नाथ का प्राचीन मंदिर सावन में श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। गण्डक नदी के सान्निध्य में स्थापित बाबा पशुपति नाथ का यह दरबार सदियों से लोक आस्था व सनातन धर्म के विविध रंग में एकता व अखंडता का संदेश दे रहा है। बाबा सोमेश्वरनाथ का दर्शन पूजन करने के साथ ही अनिवार्य रूप से इस गोविंदगज के पशुपतिनाथ का भी जलाभिषेक करने के लिये पहुंचते हैं और चारोधाम के दर्शन का फल प्राप्त करते हैं। इस साल के सावन में भी इस पशुपति नाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।धर्मनिरपेक्ष

राष्ट्र नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपति नाथ की परिकल्पना को साकार करने के लिए अरेराज गोविंदगज मुख्य मार्ग के किनारे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इस पशुपति नाथ मंदिर को 1957 में स्थापित किया गया था। काली आकृति के इस पशुपतिनाथ शिवलिंग की लंबाई तीन फीट है । कहा जाता है कि बाबा पशुपतिनाथ अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं। सावन व खासकर महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। मन्दिर के संस्थापक परिवार के सदस्य व मन्दिर की देख रेख करने वाले गोविंदगज निवासी देव वंश प्रसाद ने बताया कि बाबा सोमेश्वर नाथ अरेराज का जलाभिषेक करने के बाद भक्तों को नेपाल नहीं जाकर अरेराज के समीप बाबा पशुपति नाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाकर चारो धाम का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सके। इसी कामना को लेकर उनके परदादा विशुनी साह व गोपाल राम ने इस पशुपतिनाथ मंदिर को बनावाया । इस लिंग के चारो ओर जगन्नाथ, द्वारिकानाथ, रामेश्वरनाथ की भी आकृति बनी हुई है। इस परिसर में स्थापित महाबीर मंदिर सहित लक्ष्मी नारायण भगवान की प्रतिमा भी स्थापित है। दानस्वरूप में मिली छह एकड़ भूमि आज भी उपलब्ध है जिसमें तालाब,विद्यालय व कृषि योग्य भूखण्ड उपलब्ध है। मुख्य पुजारी संजय दुबे कहते हैं कि महाशिवरात्रि व सावन के सोमवार व शुक्रवार का अद्भुत शृंगार पूजन भक्तों को आकर्षित कर देता है।

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