
मर्डर केस में मां और 2 बेटे को उम्र कैद, जमीन विवाद में बुजुर्ग को कुल्हाड़ी से मार दिया था
संक्षेप: आजीवन कारावास की सज़ा मिले तीनो आरोपितों को 50-50 हज़ार रूपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कारावास की सज़ा भुगतनी होगी।
भूमि-विवाद में हुई हत्या का मामला साबित होने पर अररिया के जिला एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे-04) रवि कुमार ने एक 45 वर्षीया महिला सहित सहित उनके दो जवान बेटों को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। तीनों अभियुक्त बैरगाछी थाना क्षेत्र स्थित मानिकपुर वार्ड नंबर नौ के रहने वाले हैं। सजा पाने वालों में नन्ही खातून पति अहमद हुसैन, उनका 21 वर्षीय बेटा मो मोनू आलम पिता अहमद हुसैन व 23 वर्षीय बेटा सलमान उर्फ चांद पिता अहमद हुसैन शामिल हैं।
घटना 18 जून 2024 की बताई गयी है। इस मामले में दो आरोपी सोनू व रानू के विरुद्ध पूरक अनुसंधान जारी है। आजीवन कारावास की सज़ा मिले तीनो आरोपितों को 50-50 हज़ार रूपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कारावास की सज़ा भुगतनी होगी। कोर्ट ने यह सजा एसटी 767/2024 में सुनाई है।
मामले की जानकारी देते हुए सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि घटना 18 जून 2024 के करीब साढ़े 11 बजे दिन की है। रब्बान का छोटा भाई नबी हसन फील्ड में बैठा था। इसे जान मारने की नियत से गांव के अहमद हुसैन, नन्ही खातून, सोनू, सलमान, रानू, लाडली, ईरम, भानु, खैतुंनिया व असहाब सभी हरवे हथियार से लैस होकर पहुंचे। फिर ये लोग नबी हसन के साथ मारपीट करने लगे। नबी हसन वहां से जान बचाकर भाग निकला और घर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। लेकिन ये सभी
नबी हुसैन को खदेड़ते हुए उनके आंगन में घुस गए और जब नबी हसन नहीं मिला तो सभी लोग मिलकर रब्बान के पिता को घसीटते हुए अपने आंगन में ले जाकर पटक दिया। इस दौरान लोहे का रड, दबिया एवं लात घूंसा से पीटना शुरू कर दिया। इससे रब्बान के पिता का सिर पीछे से फट गया। कुल्हाड़ी से सीना पर मारने के कारण सूजन हो गया।
जब अभियुक्तों को लगा कि रब्बान के पिता मर गए तो ये लोग वहां से निकल गए। रब्बान अपने पिता को ग्रामीणों की सहायता से सदर अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टर ने आधे घंटे के अंदर मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर रब्बान ने आरोपियों के विरुद्ध बैरगाछी थाना कांड संख्या 36/2025 दिनांक 18 जून 2025 को दर्ज करवाया।
इधर केस आइओ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कोर्ट में 16 सितंबर 2024 को आरोप पत्र समर्पित किया। आरोप पत्र पर सुनवाई करते हुए 11 नवंबर 2024 को आरोपियों के विरूद्ध संज्ञान लिया। इसके बाद कोर्ट में तीन जनवरी 2025 को आरोप गठन (चार्जफ्रेम) किया गया। चार्जफ्रेम के बिंदु पर आरोपियों ने अपने आप को निर्दोष बताया। 07 फरवरी 2025 से सेशन कोर्ट में अभियोजन साक्ष्य शुरू किया गया। जहाँ सभी साक्षियों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायलय के न्यायधीश रवि कुमार ने आरोपियों को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाया। सज़ा के बिन्दू पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह उर्फ पिंकू सिंह और मो मोजाहिद ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।





