भ्रूण हत्या और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ शपथ लेने में पटना अव्वल, दूसरे स्थान पर यह जिला
बिहार की बात करें तो एक लाख महिलाओं ने और डेढ़ लाख से अधिक पुरुषों ने शपथ ली है। सूबे में शपथ लेने वालों में पटना जिला अव्वल तो नालंदा का दूसरा स्थान है।
बेटियों के प्रति लोगों की सोच को बदलने के लिए राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अभियान चलाया है। लैंगिक भेदभाव, असमानता और भ्रूण हत्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए राज्य के 2.65 लाख लोगों ने शपथ ली है। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 24 जनवरी 2024 को हुई थी। बता दें कि पहली बार राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसकी शुरुआत की। बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदले इसके लिए शपथ लेने की शुरुआत की गई।
इसका असर यह है कि हर दिन सैकड़ों लोग मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर शपथ ले रहे हैं। शपथ लेने के पहले नाम और पूरा परिचय देना होता है। इसके साथ ही राज्य और संबंधित जिले का भी नाम बताना होता है। इसके बाद शपथ लेते हैं। शपथ लेने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है। बिहार की बात करें तो एक लाख महिलाओं ने और डेढ़ लाख से अधिक पुरुषों ने शपथ ली है। सूबे में शपथ लेने वालों में पटना जिला अव्वल तो नालंदा का दूसरा स्थान है।
ये है शपथ
'मैं शपथ लेता हूं कि मैं लैंगिक भेदभाव, असमानता, लिंग आधारित भ्रूण हत्या को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से समाप्त करने में हर संभव सहयोग करूंगा। मैं यह भी संकल्प लेता हूं या लेती हूं कि मैं अपनी बेटी को स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और उनके समूचित विकास में कोई भेदभाव नहीं करूंगा तथा अन्य लोगों को भी ऐसा करने के प्रति प्रेरित करूंगा या करूंगी।'
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