
पश्चिमी चंपारण में बंदर का आतंक; तीन महीने में 70 लोगों को काटा, वन विभाग रेस्क्यू में नाकाम
संक्षेप: पश्चिमी चंपारण के लौकरिया इलाके में एक बंदर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। बीते तीन महीनों में बंदर 70 लोगों को काट चुका है। बच्चों का डर इस कदर बैठ गया है कि स्कूल जाने से भी कतरा रहे हैं। वहीं अभी तक वन विभाग बंदर का रेस्क्यू करने में नाकाम रहा है।
पश्चिमी चंपारण के लौकरिया थाना क्षेत्र के हरनाटांड में एक बंदर का आतंक चरम पर है। पिछले तीन महीनों से यह बंदर 70 लोगों को काटकर जख्मी कर चुका है। ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर घरों में घुसकर छोटे बच्चों को काट लेता है और घसीटने लगता है। इतना ही नहीं, वो फ्रिज खोलकर खाने-पीने की चीजें भी निकाल ले जाता है। बंदर के डर से लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि हरनाटांड में बंदर अब तक 70 लोगों को घायल कर चुका है। धर्मजीत सिंह ने बताया कि उनके घर की दो महिलाओं को बंदर काट चुका है। एक दिन वह घर में घुसकर फ्रिज से फल लेकर भाग गया।

ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ और दो वर्ष के बच्चों पर यह बंदर और अधिक आक्रामक हो जाता है। लोगों ने कई बार इसकी जानकारी वन विभाग को लेकिन अब तक बंदर का रेस्क्यू नहीं हो सका है। इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति नाराजगी बढ़ गई है। हरनाटांड वन क्षेत्राधिकारी शिव कुमार राम ने बताया कि बंदर के व्यवहार का अवलोकन कराया गया है। वह काफी चालाक है और पिंजरे में नहीं फंस रहा है। बंदर को पकड़ने की लगातार कोशिशें जारी हैं।
वरीय अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है। इधर पीएचसी हरनाटांड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश सिंह नीरज ने बताया कि तीन महीने में 70 से अधिक लोग बंदर के हमले में घायल चुके है। जिनका पीएचसी में इलाज किया हैं । उन्होंने बताया कि अस्पताल में एआरवी वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लोगों को बंदर से सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।





