प्रवासी मजदूरों का शव लेने एयरपोर्ट पहुंचे मंत्री, होली के दिन कर्नाटक में हुई थी तीन बिहारियों की हत्या
बेंगलुरु में होली के दिन तीन बिहारी मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। हत्या की वजह आपसी विवाद बताया जा रहा है। तीनों के शव मंगलवार को बिहार लाए गए। पटना एयरपोर्ट पर मंत्री संतोष कुमार सिंह ने उन्हें रिसीव किया। शवों को गोपालगंज भेजा जा रहा है।

कर्नाटक के बेंगलुरु में बिहार के तीन प्रवासी मजदूरों की हत्या को गंभीरता से लेते हुए नीतीश सरकार के श्रम संसाधन विभाग ने त्वरित कार्रवाई की है। सभी श्रमिकों के पार्थिव शरीर को विभाग के द्वारा उनके पैतृक निवास स्थान भेजा जा रहा है। श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने मंगलवार सुबह खुद पटना एयरपोर्ट पहुंचकर अधिकारियों के साथ गोपालगंज के निवासी मजदूरों के पार्थिव शरीर को रिसीव किया। मंत्री ने बताया कि मृतकों के परिवार को प्रवासी दुर्घटना योजना के तहत 2- 2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि होली पर हुए आपसी विवाद में तीनों की रॉड से पीटकर हत्या हुई थी।
कर्नाटक में हुए इस हत्याकांड में गोपालगंज जिले के थावे थाना क्षेत्र के पिठौरी गांव निवासी दो और मठगौतम गांव निवासी एक मजदूर की हत्या हुई थी। तीनों मजदूर बेंगलरु में प्लंबर का काम करते थे। होली के जश्न के दौरान झगड़ा हो गया और मारपीट में उनकी मौत हो गई। मरने वालों में राधेश्याम यादव, अंशु राम और दीपू कुमार साह शामिल हैं। तीनों की उम्र 20 से 23 साल के बीच है। तीनों बेंगलुरु के सरजापुर में एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट में प्लंबर का काम कर रहे ते। सभी करीब 6 महीने पहले रोजी-रोटी की तलाश में बेंगलुरु गए थे। घटना बीते शनिवार को देर शाम हुई।
शुरुआती जांच में एक फोन कॉल को लेकर झगड़े की बात सामने आई थी। बताया गया कि विवाद तब शुरू हुआ जब एक पीड़ित ने गलती से आरोपी की बहन का फोन उठा लिया था। इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी बढ़ गई और मारपीट शुरू हो गई। बेंगलुरु पुलिस ने हत्याकांड की सूचना गोपालगंज पुलिस को दी। स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। वहीं, तीनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर कर्नाटक से बिहार भेजा गया है।