
दिलीप जायसवाल का पूरा लोन चुका दिया था, प्रशांत किशोर के आरोप पर मंगल पांडेय का पलटवार
संक्षेप: प्रशांत किशोर के मंगल पांडेय पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर दिल्ली में फ्लैट खरीदने और एंबुलेंस खरीद में घोटाले का आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री ने पलटवार किया है। उन्होंने पीके के सभी आरोपों को गलत बताया।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा उन पर लगाए आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जिस यूनिवर्सिटी की मान्यता दिलाने की बात पीके कर रहे हैं उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं होती है। पांडेय ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से लिया 25 लाख रुपये का पूरा लोन उन्होंने चुका दिया था।

मंगल पांडे ने कहा कि आज से पौने 5 साल पहले खाते से पूरा पैसा वापस कर दिया गया। लोन की पूरी राशि चेक से ली गयी थी और चेक से ही पिताजी के खाते से पूरा पैसा वापस किया गया। जहां तक एंबुलेंस खरीद की बात है तो उसकी एक प्रक्रिया है। इसके लिए निविदा होती है, जो संबंधित पक्ष होता है, वह निविदा देता है। इसके निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है। निष्पादन की प्रक्रिया से यदि कोई सहमत नहीं होता है तो वह न्यायालय जाता है।
उन्होंने कहा कि इस खरीद मामले में भी लोग हाई कोर्ट गए हुए हैं। मामला अदालत में है। मैंने विभाग से इस संबंध में जानकारी ली है, अभी तक इसमें कोई भुगतान नहीं हुआ है।
प्रशांत किशोर ने लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल, प्रशांत किशोर ने पांडेय पर दिलीप जायसवाल से पैसा लेकर दिल्ली के द्वारका में फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया था। पीके ने दावा किया कि कहा कि 2019 में कोरोना काल में पैसा लिया और अगले साल 2020 में जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया। इससे उन्हें खुद डिग्री देने का अधिकार मिल गया।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा कि दिलीप जायसवाल ने 25 लाख मंत्री मंगल पांडेय के पिता अवधेश पांडेय के खाते में भेजा। उन्होंने यह पैसा मंगल पांडेय की पत्नी एवं अपनी बहू उर्मिला पांडेय के खाते में ट्रांसफर किए थे, जिन्होंने इस पैसे को बिल्डर को दिया। खरीदारी में गवाह भी दिलीप जायसवाल थे।
प्रशांत ने एंबुलेंस खरीद में भी घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय के स्वास्थ्य मंत्री रहते टाइप सी एम्बुलेंस 7 लाख अधिक कीमत पर खरीदी गई। वर्ष 2022 में 466 एम्बुलेंस को 19.58 लाख में खरीदा गया। जबकि 2025 में इसी एंबुलेंस को 27.47 लाख में खरीदा गया।





