भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की महिला कमांडो संभाल रहीं सुरक्षा
भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी और अपराध पर नज़र रखने के लिए 90 महिला कमांडो की तैनाती की गई है। ये कमांडो 138 किमी लंबे क्षेत्र में सुरक्षा संभाल रही हैं, जहां उन्हें कठिन प्रशिक्षण के बाद तैनात किया गया...

मधुबनी,गवेंद्र मिश्रा/सुनील देव । भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी व अपराध समेत तमाम अवांछित गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एसएसबी की महिला कमांडो बखूबी मोर्चा संभाल रही हैं। सीतामढ़ी से सुपौल तक 138 किमी में 90 महिला कमांडो पुरुष पुरुष जवानों के साथ बॉर्डर पर पैनी नजर रख रही हैं। ये महिला कमांडो गुरिल्ला वार में दक्ष होने के साथ हथियार चलाने, नाका पेट्रोलिंग व सर्च ऑपरेशन के लिए पूरी तरह दक्ष हैं। राजनगर स्थित सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 18वीं बटालियन में 90 महिला कमांडो की पोस्टिंग भारत-नेपाल सीमा पर की गई है। सभी को 12 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद तैनात किया गया है। सभी तरह के हथियार चलाना, नाका पेट्रोलिंग, सर्च ऑपरेशन, क्लोज कम्बैट ड्रिल, गुरिल्ला वार, जूडों-कराटे व ताइक्वांडो समेत अन्य कई विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया है। महिला कमांडो ने सशस्त्र सीमा बल की ताकत को दोगुना कर दिया है। हाथों में बंदूक लिए एसएसबी महिला जवान बेखौफ होकर सीमा की रखवाली में तैनात रहती हैं।
जयनगर स्थित सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 48वीं बटालियन व 18वीं बटालियन राजनगर में पदाधिकारी व कांस्टेबल मिलाकर करीब 90 महिलाओं की पोस्टिंग है। सभी सीतामढ़ी से सुपौल तक मधुबनी जिले की नेपाल से लगी सीमा पर पर अपनी ड्यूटी दे रही हैं।
बॉर्डर पर महिला बटालियन के पदस्थापना से हुमेन ट्रेफिकिंग, महिला सर्च,महिला अपराधियों को पकड़ने व तलाशी में सहुलियत हुई है। महिला बल- पुरूष बल के साथ मिलाकर कार्य करने से टीम सशक्त हुआ है।
-संतोष कुमार निमोरिया, डीसी,48वीं बटालियन जयनगर।
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