संस्कृतभारती के कार्यकर्ताओं ने आचार्य किशोर कुणाल को दी श्रद्धांजलि
मधुबनी में आचार्य किशोर कुणाल के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। वे संस्कृत साहित्य के विद्वान्, सामाजिक सुधारक और कुशल प्रशासक थे। उनके योगदान को समाज और संस्कृति के प्रति निष्ठा का प्रतीक...

मधुबनी। आचार्य किशोर कुणाल का व्यक्तित्व और कृतित्व समाज, धर्म और संस्कृति के प्रति उनकी निष्ठा और सेवा भाव का प्रतीक हैं। वे न केवल एक संस्कृत साहित्य के विद्वान् और लेखक थे, बल्कि एक सामाजिक सुधारक और कुशल प्रशासक भी रहे। जिन्होंने अपने जीवन को समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए हमेशा समर्पित रखा। ये बातें संस्कृतभारती बिहार प्रांत के प्रान्तप्रचार प्रमुख डॉ.रामसेवक झा ने कही। उन्होंने आचार्य किशोर कुणाल के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए संस्कृत एवं संस्कृति क्षेत्र के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। संस्कृत विद्या के संरक्षण तथा संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील आचार्य कुणाल 2001 से 2004 तक कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके है। इनके आकस्मिक निधन पर संस्कृतभारती के प्रान्त मंत्री डॉ.रमेश कुमार झा, क्षेत्र मंत्री प्रो. प्रकाश पाण्डेय, संगठन मंत्री श्रवण कुमार, प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख देव निरंजन दीक्षित, सम्पर्क प्रमुख डॉ.रामेश्वरधारि सिंह, दरभंगा विभाग संयोजक डॉ.त्रिलोक झा, डॉ.रामसेवक झा सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ।
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