सोमवार को पिपराघाट स्थित कमला बलान व सोनी नदी के त्रिवेणी संगम तट पर सूर्योदय पूर्व हर—हर गंगे उद्घोष के बीच मोक्ष की कामना लेकर हजारों—लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था पूर्वक डुबकी लगाई।
स्नान करने को श्रद्धालु सुदूर इलाकों व पड़ोसी मुल्क नेपाल के तराई क्षेत्र, बंगाल, यूपी आदि शहरों व महानगरों से पहुंचे थे। कार्तिक मेले में मुख्य स्नान पर्व के मौके पर पुलिस प्रशासन की ओर से स्नान घाटों पर पुख्ता सुरक्षा प्रबंध रहे। खजौली इंस्पेक्टर राजकिशोर राम, थानाध्यक्ष रामशीष कामती दल बल संग मजिस्ट्रेट आदित्य प्रकाश स्नान घाट व मेला के अन्य जगहों की निगरानी कंट्रोल रूम से करते हुए दिखे।
त्रिवेणी संगम में दिखा झिल मिलाते दीपों की रोशनी का नजारा: संगम में श्रद्धालुओं ने दीप दान किया। इस दौरान नदी की सतह पर झिल मिलाते दीपों की रोशनी का नजारा देखकर लोग अपलक निहारते रहे।
पंडित शिवचन्द्र झा ने बताया कि भगवान शंकर इसी दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस खुशी में देवताओं ने दीवाली मनाई। ढोल, मृदंग, झाल, झालर की धुन पर विविध जगहों से नाचते गाते व थिरकते भगतों की टोली ने स्नान किया। कमला मैया की आराधना की। वहीं, पुत्र व मन की मुराद पूरी होने पर श्रद्धालुओं ने कमला माता को चढ़ावा भी चढ़ाया।