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आब कोना कऽ हमरा सबहक दिन कटतै हौ दैब

आब कोना कऽ हमरा दिन कटतै हौ देब, धिया पुता के केना गुजर करेबै हौ देब। उक्त पीड़ा भरे शब्द है वज्रपात के क्रम में पेड़ के नीचे दबकर मरने वाले जमसर भगवानपुर के रामशीष मंडल की पत्नी पुनीता देवी का। उसे...


आब कोना कऽ हमरा सबहक दिन कटतै हौ दैब
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीTue, 02 Jun 2020 09:53 AM
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आब कोना कऽ हमरा दिन कटतै हौ देब, धिया पुता के केना गुजर करेबै हौ देब। उक्त पीड़ा भरे शब्द है वज्रपात के क्रम में पेड़ के नीचे दबकर मरने वाले जमसर भगवानपुर के रामशीष मंडल की पत्नी पुनीता देवी का। उसे गांव की महिलाएं ढ़ाढंस बंधा रही है, लेकिन चित्कार थमने का नाम नहीं ले रही है। वह दहारे मार- मार कर अपने पति को पुकारती है। बतादे कि मृतक रामाशीष मंडल दिल्ली में काम करता था,वह लॉकडाउन के बीच गांव आया था, तीन दिन पहले उसे क्वारंटाइन सेंटर से घर भेजा गया था। उसे एक पुत्र व एक पुत्री है। परिजनों ने बताया कि वह सुबह नाश्ता करने के बाद बगीचा गया, उसके साथ उसका भतीजा भी गया था। पेड़ के नीचे दबे रामाशीष को ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। इधर सोनवर्षा में मरे विजय मुखिया के घर में भी मातम छाया हुआ है। उसके परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग व आस पड़ोस की महिलाएं सभी को ढ़ांढस बंधाने में लगी है। लेकिन किसी के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

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