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11 माह से शिक्षेक को नहीं मिला वेतन

लंबे संघर्ष के बाद शिक्षक की नौकरी गुंजन कुमार को मिली तो घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिजनों ने अपने-अपने हिसाब से ईश्वर अराधना की प्लानिंग कर लिये। हर कोई अपने द्वारा किये गये मन्नत को सामने ला...

11 माह से शिक्षेक को नहीं मिला वेतन
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSun, 21 Jun 2020 03:14 PM
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लंबे संघर्ष के बाद शिक्षक की नौकरी गुंजन कुमार को मिली तो घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिजनों ने अपने-अपने हिसाब से ईश्वर अराधना की प्लानिंग कर लिये। हर कोई अपने द्वारा किये गये मन्नत को सामने ला दिया। लेकिन क्या मालूम था कि शिक्षक का जॉब पाकर वे भुखमरी की हालत में आ जायेंगे। दरअसल समस्तीपुर आदर्श नगर निवासी गुंजन कुमार ने जम्मू-काश्मीर से स्नातकोत्तर करने के बाद बीएड और एमएड किया। प्रशिक्षण पर सवाल उठा तो वे अन्य लोगों के साथ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। दो साल के बाद न्याय मिली। निर्णय के अनुसार उनसभी का नियोजन किया गया। गुंजन को जॉब मिला। वे रहिका प्रखंड के प्लस टू अमरनाथ उच्च विद्यालय शंकरपुर में अपना योगदान जुलाई 2019 में दिया। वहीं पास में रैयाम में किराये का मकान लिया और पत्नी नवनीता कुमारी के साथ रहने लगे। पर हालत यह हो गयी कि जिन परिजनों ने उनसे उम्मीद पाल रखा था, उनसे ही हर माह पैसे मांगने की विवशता आ गयी। हर माह किसी न किसी से पैसा मांग कर थक गये। शिक्षक गुंजन कुमार ने बताया कि साहब अब तो किसी से पैसा मांगने में झिझक होने लगी है। पर सवाल पेट का है। डीइओ कार्यालय पर शिक्षक पति के साथ शिकायत करने पहुंची नवनीता ने बताया कि लगभग चार साल से सिस्टम की पेच में फंसकर जिंदगी रह गयी है।

अधिकारियों के पास लगायी गुहार :

योगदान के 11 माह बाद भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने के मामले में यहां के चार शिक्षकों ने अपने वेतन के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। किराये के मकान और बाजार के खाना पर डिपेंट इन शिक्षकों के सामने अब भुखमरी की नौबत आ गयी है। डीपीओ स्थापना कार्यालय की वेतन के मामले में बरती जा रही उदासीनता और लापरवाही से डीइओ भी खासे नाराज हैं। मिल रही शिकायत को देखते हुए डीपीओ स्थापना और अन्य कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी है। इसके बाद हालत में सुधार नहीं हो रहा है। डीइओ ने प्रपत्र क गठित कर विभाग को भेजा है।

शपथ पत्र लेकर भुगतान का है प्रावधान:

शिक्षकों के योगदान से पूर्व प्रमाण पत्र और अन्य जानकारी के लिए काउंसिलिंग होती है। और उनसे शपथ पत्र लेकर वेतन भुगतान का प्रावधान विभाग का है। इस बीच प्रमाण पत्र जांच करायी जाती है। इस संबंध में मिल रही शिकायत के बाद फिर से 24 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया। बावजूद ये शिक्षक केवल मधुबनी जिले में भटकने को विवश हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी :

डीइओ नसीम अहमद ने बताया कि वेतन को लेकर शिक्षकों की लगातार शिकायत मिल रही है। इसे देखते हुए विभाग को रिपोर्ट भेजा गया है। शीघ्र कार्रवाई होगी।

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