ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मधुबनीसीएम के स्वागत में सजकर तैयार है सिमरी

सीएम के स्वागत में सजकर तैयार है सिमरी

सीएम नीतीश कुमार राजनगर के सिमरी में छत पर बागवानी देखेंगे। पूरा सिमरी गांव जल जीवन हरियाली मिशन मोड में आ चुका है। हर तरफ हरियाली दिख रही है। सीएम के आगमन के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न तरह के...

सीएम के स्वागत में सजकर तैयार है सिमरी
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीWed, 11 Dec 2019 11:49 PM
ऐप पर पढ़ें

सीएम नीतीश कुमार राजनगर के सिमरी में छत पर बागवानी देखेंगे। पूरा सिमरी गांव जल जीवन हरियाली मिशन मोड में आ चुका है। हर तरफ हरियाली दिख रही है। सीएम के आगमन के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न तरह के स्टॉल भी लगेंगे। पंचायत सरकार भवन की छत पर विभिन्न तरह की लगी हरी सब्जियां व अन्य फलों की खेती का निरीक्षण करेंगे। प्रदर्शनी के माध्यम से यह दिखाया जाएगा कि जमीन की कमी की वजह से किसान अपने घर की छतों पर भी बागवानी कर सकते हैं। घर के सदस्य खेती से संबंधित कार्य आसानी पूर्वक कर सकेंगे। पर्यावरण इससे शुद्ध रहेगा। इस तकनीक से खर्च में कमी आएगी। घर के अवशेष पदार्थ का उपयोग इस तकनीक से खेती में किया गया है। सीएम इन चीजों का अवलोकन करेंगे। इसके अलावा हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से बिना मिट्टी की सहायता से केवल पानी में पौधे को उगाने की तकनीक से भी सीएम रु-ब-रू होंगे। डीएओ सुधीर कुमार ने बताया कि विपरीत जलवायु परिस्थितियों एवं जहां पर भूमि की कमी अथवा मृदा उपजाऊ नहीं है, इस पद्धति से खेती की जा सकती है। इसमें जरूरी पोषक तत्वों के घोल की कुछ बूंदें केवल एक या दो बार डालने पड़ती है। 20 प्रतिशत पानी पर्याप्त होती है। जमीन से संबंध नहीं होने के कारण बीमारियां कम लगती हैं। जिससे कीटनाशी तथा फुफूंदनाशी का प्रयोग नहीं करना पड़ता।

खेती के प्रारंभ में 24 पौधे लगाने में लगभग 5-6 हजार रुपये खर्च आता है। तत्पश्चात 50 से 100 रुपये प्रति फसल खर्च आती है। इसके अलावा ‘फसल अवशेष प्रबंधन के तहत पराली से खुशहाली न जलाएं पराली उसे मिट्टी में मिलाएं, तभी आएगी हरियाली ये संबंधित स्लोगन दिखेगा। बीटीएम शिव कुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग की प्रदर्शनी अंतिम चरण में है। अब बस सीएम के आगमन का इंतजार है। शेड नेट हाउस और भर्टिकल गार्डेनिंग दिखेगी:शेड नेट हाउस नियंत्रित तापमान में संरक्षित खेती पद्धति है, जिसमें कीट, व्याधि का प्रकोप कम होता है। 50 प्रतिशत शेडिंग होने से सूर्य की अल्ट्रावायलेट रे से बचाव होता है। ड्रिप सिंचाई पद्धति से पौधों की सिंचाई एवं फर्टिगेशन करने से जल तथा उर्वरक की बचत होगी। नेट हाउस के अंदर फॉगर के द्वारा तीन से चार डिग्री तापमान की नियंत्रण किया जाता है। इसकी कीमत 710 रुपये प्रति वर्गमीटर होती है। इसमें 75 प्रतिशत अनुदान भी है। भर्टिकल गार्डेनिंग पौधे को जाफरीनुमा संरचना की सहायता से लंबवत दिशा में उगाने की प्रद्धति सीएम जानेंगे। इससे ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को कम करता है। उष्मा प्रभाव को कम करता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें