प्रखंड के उत्क्रमित हाई स्कूल सिकटियाही स्थित क्वारेन्टाइन सेंटर में शनिवार शाम एक प्रवासी की मौत के विरोध में ग्रामीणों ने रविवार सुबह छारापट्टी चौक पर रोड जाम कर दिया। ग्रामीण व परिजनों ने प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे। रोड जाम में शामिल रामप्रीत साह, लालबाबू साह, राम विलास कामत, रामानन्द साह, राम भरोस शर्मा तथा फूलचन्द कामत सहित अन्य ग्रामीणों के अनुसार देर रात प्रशासन और पुलिस ने लाश को मृतक के घर के पास लाकर रख दिया। पीपीई किट को वहीं पर जलाया और चले गये । उनकी पत्नी को जब होश आया तो घर के पास पति का लाश पाया । उन्होंने इस तरह लाश को बिना पोस्टमार्टम कराए लाकर छोड़ देने पर भारी आपत्ति जतायी और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे। बीडीओ आलोक कुमार, सीओ एके दास और थाना प्रभारी एसके मंडल के समझाने बुझाने के बाद करीब चार घंटे बाद जाम हटा लिया गया । ग्रामीणों की मांग पर मधुबनी से मेडिकल टीम पहुंची और लाश का सैम्पल लिया। उसके बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार किया। मृतक की पत्नी का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर में रजिस्ट्रेशन के दसवें दिन उनके पति की मौत हुई है। वे चंडीगढ़ से साईिकल से आये थे और 30 अप्रैल से सेंटर में रह रहे थे। शनिवार दोपहर बाद से ही उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी। एक बार मेडिकल टीम एम्बुलेंस लेकर आयी भी, लेकिन लौट गयी। शाम को उन्हें उल्टी हुई, जिसपर मेडिकल टीम ने उल्टी की दवा दे दी थी। लेकिन उसके थोड़ी देर बाद शौचालय से आने पर उन्हें फिट आ गया और वे गिर गये । उसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया । प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते बताया कि अगर उनकी उचित देखभाल की जाती तो उन्हें बचाया जा सकता था। मौत की खबर पर पहुंची पत्नी भी बेहोश हो गयी । लेकिन उनकी देखभाल भी डर के मारे किसी ने नहीं की। बतादें कि लगातार हर सेंटर से शिकायतें मिल रही हैं।
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