कोराना वार्ड में पहली बार ड्यूटी से पैदा हुई थी दहशत
सदर अस्पताल में पहली बार जब कोरोना जांच के लिए आइसोलेशन सेंटर बना था, उन दौरान की दहशत आज भी भूल नहीं सकी हूं। एक तरफ नौकरी में जिम्मेदारी तो दूसरी...
मधुबनी , नगर संवाददाता
सदर अस्पताल में पहली बार जब कोरोना जांच के लिए आइसोलेशन सेंटर बना था, उन दौरान की दहशत आज भी भूल नहीं सकी हूं। एक तरफ नौकरी में जिम्मेदारी तो दूसरी अपने बच्चे और परिजनों की चिंता। सदर अस्पताल में कोरोना काल के तुरंत बाद आइलेशन सेंटर बना। वहां पर एग्रेड नागमणि कुमारी, हर्षिता निधि, पूजा, शिप्रा रानी आदि की ड्यूृटी लगी।
ये सभी बताती हैं कि जब ड्यूटी लगी तो लगा अब नौकरी छोड़ना ही श्रेयष्कर होगा। पर पीड़ित मानवता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म समझकर ड्यूटी शुरू की। सुबह जब ड्यूटी करने आती और शाम को लौटने का समय आता तो परिजनों के बारे में ही सोच लगी रहती। कुछ का कहना था कि घर में भी लोग उपेक्षित नजरों से देखने लगे। कुछ हेल्थ वर्कर ने बताया कि वे अपने परिजनों को घर भेज दिया कि कम से कम इस कोरोना काल में उनका जो होगा देखा जाएगा, बच्चे और परिजन तो सुरक्षित रहेंगे। एग्रेड नागमणि कुमारी व हर्षिता ने बताया कि वे लोग अभी भी काम तो कर रही थीं पर मन में ऐसा भाव था कि टीका कब तक आएगा। अब जब कोविडशील्ड आ गया है तो मन में खुशी है कि अब इस संकट का हल मिल जाएगा।