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अब कोसी पर होगा एक और पुल

मधुबनी के प्रसिद्ध उच्चैठ स्थान से सहरसा के महेषी स्थान अब लोग सीधे जा सकेंगे। मिथिलांचल के दो प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को जोड़नेवाली सड़क पर तेजी से काम हो रहा है। यह भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहा है...

अब कोसी पर होगा एक और पुल
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSat, 07 Sep 2019 12:59 AM
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मधुबनी के प्रसिद्ध उच्चैठ स्थान से सहरसा के महेषी स्थान अब लोग सीधे जा सकेंगे। मिथिलांचल के दो प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को जोड़नेवाली सड़क पर तेजी से काम हो रहा है। यह भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहा है और चौथे फेज में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को विशेष कैंप लगाकर तेजी से निबटाया जा रहा है।

इससे तहत कोसी नदी पर बनने वाला पुल सुपौल के बकौड़ से भेजा तक लगभग 10.25 किलोमीटर का होगा।

मिली जानकारी के मुताबिक मधुबनी क्षेत्र में 226 रैयतों के बीच कुल 16 करोड़ 14 लाख 83 हजार की राशि का वितरण होना था। इस क्षेत्र में कुल 14.04 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया होनी है।

डीएम शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर भूमि अधिग्रहण विभाग के अधिकारी मो रजिक ने विशेष अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कुल 106 रैयतों के बीच अबतक 6.26 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए आठ करोड़ 11 लाख पांच हजार तीन सौ तैंतीस रुपए बतौर मुआवजा बांट दिए। अधिग्रहित होनेवाली कुल भूमि 14.04 हेक्टेयर में 2.67 हेक्टेयर सरकारी भूमि है। वहीं 2.537 हेक्टेयर भूमि पर विवाद है जिसकी राशि दो करोड़ 92 लाख 47 हजार सात सौ छप्पन रुपए न्यायालय में जमा कर दी जाएगी। शेष 2.58 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की राशि का भुगतान होना शेष है। इस भूमि के एवज में 5 करोड़ 11 लाख 29 हजार नौ सौ चव्वालीस रुपए का भुगतान होना है शेष।

भूअर्जन अधिकारी ने बताया कि तीन मौजा मनीमहपतिया, लिल्जा और परसौनी में पानी रहने के कारण मापी कार्य में काफी कठिनाई हो रही है। तीनों मौजे की जिस भूमि पानी है घटने के बाद ही उन मौजा में मापी होकर शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।मालूम हो कि महेंषी में उग्रतारा स्थान है, काफी प्रसिद्ध है। वह मंडन मिश्र और विदूषी भारती की भूमि है। वहीं मिथिलांच के दूसरे हिस्से में प्रसिद्ध उच्चैठ स्थान है। यहां प्रसिद्ध विद्वान कालिदास हुए। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से न केवल मिथिलांचल के दो धार्मिक स्थान जुड़ेंगे बल्कि आवागमन की सुविधा बढ़ेगी और व्यापार को कम लागत पर किया जा सकेगा।

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