ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मधुबनी‘संस्कृत भाषा के संरक्षक थे डॉ. मिश्र

‘संस्कृत भाषा के संरक्षक थे डॉ. मिश्र

बिहार में संस्कृत भाषा के संरक्षक के रूप में स्व. डॉ जगन्नाथ मिश्र याद किए जाएंगे। उन्होंने बिहार में संस्कृत बोर्ड की स्थापना कर इसे नवजीवन दिया।यह बातें डॉ भारती मेहता ने...

‘संस्कृत भाषा के संरक्षक थे डॉ. मिश्र
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीTue, 20 Aug 2019 12:52 AM
ऐप पर पढ़ें

बिहार में संस्कृत भाषा के संरक्षक के रूप में स्व. डॉ जगन्नाथ मिश्र याद किए जाएंगे। उन्होंने बिहार में संस्कृत बोर्ड की स्थापना कर इसे नवजीवन दिया।यह बातें डॉ भारती मेहता ने कही।

उन्होंने बताया कि डॉ. मिश्र ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड, बिहार की स्थापना की थी। उन्होंने संस्कृत के प्रचार के लिए ही इस बोर्ड की स्थापना की थी। उनके निधन से संस्कृत भाषा ने अपना एक हितैषी खो दिया। उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है। डॉ.मिश्र के निधन की खबर सुनते ही संस्कृत जगत से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बिहार विवि में लेक्चरर से सीएम तक के सफर में डॉ मिश्र ने कईकीर्तिमान स्थापित किये। वे हिंदी, मैथिली, उर्दू के अलावा संस्कृत भाषा के मर्मज्ञ विद्वान थे। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में संस्कृत शिक्षक व संस्कृत विद्यालय के हित में ऐतिहासिक काम किया। शिक्षाविद् डॉ. रामसेवक झा ने बताया कि डॉ. मिश्र ने जनहित में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार व धनोपार्जन की दृष्टि से 36 संस्कृत कॉलेज का अंगीभूतीकरण किया। 205 विद्यालयों का सरकारीकरण किया। 446 संस्कृत विद्यालय की प्रस्वीकृति (स्थापना की स्वकृति) दी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें