मधुबनी में मॉल का नहीं हो सका निर्माण
शहर में सरकारी स्तर पर आधुनिक सुविधा युक्त मॉल के निर्माण का सपना साकार नहीं हो सका है। विवाद में फंस जाने से इसका निर्माण अधूरा है। विभिन्न जांच प्रक्रिया और उसके तथ्य के पेंच के कारण इसका निर्माण...
शहर में सरकारी स्तर पर आधुनिक सुविधा युक्त मॉल के निर्माण का सपना साकार नहीं हो सका है। विवाद में फंस जाने से इसका निर्माण अधूरा है। विभिन्न जांच प्रक्रिया और उसके तथ्य के पेंच के कारण इसका निर्माण अब सहज भी नहीं रह गया है। तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने जिला प्रशासन से इस भूमि के लिए एनओसी हासिल करने में सफल रहे थे। उनकी पहल और बेहतर निर्माण के मसले पर जिला प्रशासन ने सहमति दी और तत्कालीन डीएम पंकज कुमार और गिरीवर दयाल सिंह इस भूमि पर मॉल निर्माण के लिए एनओसी जिला प्रशासन की ओर से दिया। बोर्ड से ली गयी स्वीकृति: इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए रूक्मिणी बिल्टेक के निदेशक अजीत कुमार आजाद को एजेंसी बनाया गया था। बाद में काफी लागत और नप की आर्थिक आमदनी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उसकी बंदोबस्ती की प्रक्रिया अपनायी गयी। इसके लिए प्रक्रिया के तहत सशक्त स्थायी समिति और बोर्ड से स्वीकृति ली गयी। कार्य प्रारंभ हुआ। विभागीय शिकायत व अन्य शिकायतों के बाद इस काम को स्थगित कर दिया गया। सशक्त समिति की पिछली बैठक में एजेंसी को नोटिस देने और फिर से इसके निर्माण की पहल किये जाने का निर्णय लिया गया। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं हो सकी है।