अधूरे केनाल का निर्माण बना जानलेवा
मधुबनी में जल निकासी व्यवस्था के लिए शुरू किया गया स्टॉर्म ड्रेनेज प्रोजेक्ट 6 साल बाद भी अधूरा है। निर्माण में लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी के कारण कई दुर्घटनाएँ हुई हैं। एजेंसी की मनमानी और...

मधुबनी,निज संवाददाता। शहर में जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शुरू की गई स्टॉर्म ड्रेनेज योजना अब खुद ही शहरवासियों के लिए जान का खतरा बन गई है। तय दो साल की समयसीमा में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट छह साल बीत जाने के बाद भी अधूरा है। निर्माण कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्टेडियम रोड, जो कि शहर का व्यस्ततम इलाका है, वहां तीन महीने पहले मुख्य सड़क को काटकर केनाल निर्माण के लिए खोदाई की गई थी। लेकिन आज तक न तो वहां निर्माण पूरा हुआ है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड या लाल फीता लगाया गया है। यह गड्ढा मुख्य मार्ग के बीचोंबीच है, जहां से प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे और वाहन गुजरते हैं। ऐसे ही हालात शहर के कई अन्य हिस्सों में भी बने हुए हैं। प्रोजेक्ट से जुड़े निर्माण स्थलों की मॉनिटरिंग की केवल खानापूरी होती रही है। या फिर निर्माण प्रावधान व अधिकारियों का आदेश एजेंसी के लिए बेअसर है। निर्माण स्थानों का न तो वेरिफिकेशन हो रहा है और न ही किसी तरह के सुरक्षात्मक उपाय अपनाए गए हैं। खुले गड्ढों और अधूरी नालियों के कारण अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें बच्चों के गिरने जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। इसके बावजूद एजेंसी और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। निर्माण एजेंसी की मनमानी और गैर-जिम्मेदार रवैये के कारण प्रोजेक्ट की लागत बढ़ा दी गई है, बावजूद इसके कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है। कई स्थानों पर नवनिर्मित पीसीसी सड़कें उखड़ चुकी हैं और निजी व सरकारी संपत्तियों को नुकसान हुआ है। क्षतिपूर्ति का प्रावधान होते हुए भी प्रभावितों को अब तक राहत नहीं मिली है। इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग और भुगतान का जिम्मा, बूडको, नगर निगम और जिला प्रशासन पर है, लेकिन एजेंसी द्वारा आदेशों की अवहेलना के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में निर्माण के मूल्यांकन (एमबी बुक) और भुगतान प्रक्रिया में संलिप्त अभियंताओं की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
छह साल बाद भी अधूरा पड़ा स्टॉर्म ड्रेनेज प्रोजेक्ट
शहर में छह वर्ष पूर्व शुरू हुआ स्टॉर्म ड्रेनेज प्रोजेक्ट अब तक अधूरा है। वर्ष 2022 में कॉस्ट कटिंग के चलते तीन में से केवल वाटसन कैनाल के 5889 मीटर कार्य को ही मंजूरी मिली,
जबकि 6129 मीटर कार्य स्थगित कर दिया गया। 3 मीटर माप के 1690 मीटर नाले को घटाकर 77 मीटर कर दिया गया। 1.2 मीटर नाले के 2340 मीटर में से 1755 मीटर, 1 मीटर नाले के 1010 में से 838 मीटर, व 0.75 से 1.5 मीटर नालों के कुल 3486 मीटर काम को पूरी तरह रोक दिया गया। 1 मीटर नाले के 1315 में से 913 मीटर कार्य ही स्वीकृत हुआ। शेष कार्य एजेंसी की मनमानी के कारण अधर में लटक गया है।
निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ने पर एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के बाद उम्मीद है कि एजेंसी जल्द ही कार्य को दोबारा शुरू करेगी और अधूरे हिस्सों को पूरा करेगी। इसकी गंभीरता से निगरानी की जा रही है। -रामाशंकर प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, बुडको
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