फिजूलखर्ची रोक को-ऑपरेटिब बैंक ने बचाए दो करोड़
कॉपरेटिव बैंक ने अपनी फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर एक साल में लगभग दो करोड़ रुपये की बचत की है। प्रधान कार्यालय के द्वारा बचायी गयी राशि को लेकर काफी सराहना हो रही...
कॉपरेटिव बैंक ने अपनी फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर एक साल में लगभग दो करोड़ रुपये की बचत की है। प्रधान कार्यालय के द्वारा बचायी गयी राशि को लेकर काफी सराहना हो रही है।
वर्तमान बोर्ड के गठन के एक साल पूरा होने पर रहिका सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के सभागार में निदेशक मंडल की शुक्रवार को बैठक को संबोधित करते हुए चेयरमैन ब्रह्मानंद यादव ने यह बात कही। कहा कि विविध मदों के खर्च में कटौती से यह बचत हुई है। जिसमें अधिकारी, कर्मी व पैक्स प्रतिनिधियों को बहुमूल्य योगदान है। बताया कि बैंक सुदृढीकरण के लिए एनपीए को न्यूनतम करने, आम लोगों के साथ बड़े ग्राहकों को जोड़ने, हर शाखा को अपडेट करने का काम किया गया है। सभी शाखाओं में सीसीटीवी कैमरा लगाने व अन्य तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराये की प्रक्रिया जारी है। 20 लाख की लागत से एटीएम कैश वैन लाया गया है। जिससे शाखाओं को राशि भेजने में सहुलियत होगी। देहात व हटिया में भी इसे लगाकर लागों को बैंकिंग की सुविधा दी जा सकेगी। खाता पुनर्संचरना से 20 लाख की बचत की गयी है। मौके पर सदस्य निदेशक परिषद रमानंद झा, किशोरी साह, दीना नाथ झा, मो. हफीजुल्लाह अंसारी, पूनम देवी, अनुजा झा, रमेश पासवान, नवेन्द्र झा आदि थे।