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मकदूम शाह मजार पर प्रसिद्ध उर्स मेला समाप्त

अलपुरा गांव में बाबा मकदूम शाह मजार पर लगने वाला प्रसिद्ध उर्स मेला रविवार को संपन्न हो गया। प्रेत बाधा मुक्ति के लिए यह मेला प्रसिद्ध है। उर्स मेला प्रखंड के प्रचीनत्तम मेलो में से एक है। मेला बकरीद...

मकदूम शाह मजार पर प्रसिद्ध उर्स मेला समाप्त
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSun, 11 Aug 2019 10:26 PM
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अलपुरा गांव में बाबा मकदूम शाह मजार पर लगने वाला प्रसिद्ध उर्स मेला रविवार को संपन्न हो गया। प्रेत बाधा मुक्ति के लिए यह मेला प्रसिद्ध है। उर्स मेला प्रखंड के प्रचीनत्तम मेलो में से एक है। मेला बकरीद के एक दिन पहले लगता है। मान्यता है कि पीर बाबा के मजार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा है। जो भी यहां आकर अपनी झोली फैलाता है, पीर बाबा उसकी मुराद जरूर पूरी करते हैं। हिंदू और मुस्लिम का यहां कोई भेदभाव नहीं रहता।

प्रत्येक वर्ष फरियादियों की संख्या बढ़ती जा रही है। लाखों की संख्या में फरियादी बाबा के मजार पर जुटते हैं। मुंबई, बंगाल, नेपाल, दिल्ली, बंगलौर, उडीसा आदि सुदुरवर्ती क्षेत्रों से भी श्रद्धालु और फरियादी यहां जुटते है। प्रेतबाधा से ग्रस्त पीड़ितों को लेकर दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।

मुक्ति पाये लोग भी अपनी मनौती चढ़ाने यहां आते हैं। मनौती चढ़ाने वाले लोग यहां बकरे और मुर्गे की कुर्बानी देते हैं, और यहीं पका कर उसका प्रसाद ग्रहण करते हैं। किवदंती है कि पीर मकदुम साह अपने जमाने के प्रसिद्ध और ख्याति प्राप्त फकीर थे। यहां उर्स के लिये जमीन मुगल बादशाहों ने दी थी। कालांतर में उर्स की जमीन अतिक्रमण का शिकार होकर मजार वाला भूखंड कुछ ही कट्ठों में सिमट कर रह गया है।

मेला प्रबन्धन टीम में मो. शहाबुद्दीन, सरपंच दुखनु पासवान, अब्दुल हलीम, मो. इसराफिल, मो. ईसा अंसारी, मो. दाउद, मो. सत्तार, मो. गुफार, मो. अनवर, मोबिन आलम, मो. शमसुद्दीन, मो. सरफराजआदि ने बताया कि यहां मेलार्थियों के लिये सराय मजार के आसपास बिजली,पानी आदि की कमी खलती है।

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