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कार्यपालक सहायक की बहाली पुराने पैनल से हो

बिहार विधान परिषद के सदस्य सह मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष सुमन कुमार महासेठ ने विधान परिषद के सचिव को पत्र लिखकर मधुबनी जिले में कार्यपालक सहायक के पुराने पैनल से बहाली करने की मांग की है। अपने आवेदन...

कार्यपालक सहायक की बहाली पुराने पैनल से हो
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीTue, 30 Jul 2019 04:40 PM
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बिहार विधान परिषद के सदस्य सह मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष सुमन कुमार महासेठ ने विधान परिषद के सचिव को पत्र लिखकर मधुबनी जिले में कार्यपालक सहायक के पुराने पैनल से बहाली करने की मांग की है। अपने आवेदन में कहा कि वर्ष 2015 में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन द्वारा जिले में भी कार्यपालक सहायकों की नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत 31 जुलाई को 616 अभियर्थियों का पैनल बना।

इस पैनल में 200 अभ्यर्थियों का नियोजन कार्यपालक सहायक के पद पर किया गया। गाइड लाइन के अनुसार पैनल का निर्माण तीन वर्ष के लिए किया गया था, जिसके तहत इस पैनल की वैधता 21 जुलाई18 तक थी। उक्त पैनल से लगभग 400 अभ्यर्थियों का नियोजन पैनल की वैधता रहते नहीं किया गया।

पैनल की वैधता समाप्त होने से एक माह पहले पंचायती राज बिहार के प्रधान सचिव ने पत्रांक 3302 दिनांक 14/6/18 को तथा पुन: अपने पत्रांक 393 दिनांक 20/7/18 के द्वारा डीएम को बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के अंतर्गत संधारित पैनल को 15 दिनों के अंदर अद्यतन करते हुए नियोजन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। पुन: प्रधान सचिव के पत्रांक 4045 दिनांक 20/7/18 को सभी पंचायतों में कार्यपालक सहायकों के नियोजन की स्कू्रटनी देने के बाबजूद भी मधुबनी स्थापन विभाग के पदाधिकारी पैनल की वैधता समाप्त होने का इंतजार करते रहे और बाद में पैनल को रद्द कर नये पैनल निर्माण के लिए नोटिफिकेशन निकाल दिया। सुमन महासेठ ने कहा कि जिला स्थापना के पत्रांक 1307 दिनांक 11/8/18 को ही जिले में नए सिरे से कार्यपालक सहायकों के नियोजन संबंधी विज्ञापन प्रकाशित कर 31/1/19 को लगभग 6 माह बाद सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद विभागीय उदासीनता के कारण नए कार्यपालक सहायकों का भी नियोजन लंबित है। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि वर्ष 2015 तथा 2018 में बने कार्यपालक सहायकों के पैनल से नियोजन करवाने का कष्ट करें। बतादें कि पैनल कैंसिल हो जाने के बाद दर्जन भर से अधिक आवेदकों की उम्र भी समाप्त हो गया। अब उनकी बहाली नहीं होने से उन्हें ताउम्र बेरोजगार रहना पड़ेगा।

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