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घोषणाएं छलावा बनी है: माकपा

माकपा कार्यकर्ताओं ने लौकही और मधेपुर में जनहित के मुद्दे की उपेक्षा पर प्रदर्शन किया।...

घोषणाएं छलावा बनी है: माकपा
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीTue, 12 Feb 2019 11:59 PM
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माकपा कार्यकर्ताओं ने लौकही और मधेपुर में जनहित के मुद्दे की उपेक्षा पर प्रदर्शन किया। लौकही में राज्य सचिव मंडल सदस्य रामपरी ने कहा कि केन्द्र द्वारा किसानों को छह हजार रुपये सालाना देने की घोषणा छलावा है।

इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। 13 सूत्री मांगों को लेकर लौकही प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर धरना दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अच्छे दिन का वादा कर देश की जनता को भ्रतिम किया। अगामी चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। राज्य में किसान व मजदूरों की दशा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनकी उपेक्षा हो रही है। मंहगाई, भ्रष्टाचार व अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। पर्चाधारियों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है। अध्यक्षता बिरजू लाल साह ने की।

मौके पर जिला पार्षद रामलखन यादव, दिनेश यादव, रामकृष्ण यादव, फूलदेव यादव, राम कुमार साह, कृष्णा दास, निर्मला देवी, राम कुमार ठाकुर, शिव सेवक यादव आदि ने किया। धरना के अंत में अपनी मांगों का एक ज्ञापन प्रखंड सह अंचल कार्यालय को सुपूर्द किया।

12 सूत्री मांगों पर अधिकारियों को घेरा : मधेपुर में किसानों का कृषि लोन माफ करने तथा जरूरतमंद किसानों को लोन उपलब्ध कराने सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर सीपीएम कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम के अंचल सचिव सह बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष राम नारायण यादव ने कहा कि राज्य और केन्द्र की सरकार किसान व मजदूर विरोधी है। सरकारी योजनाओं में गुणवत्ता को ताख पर रखते हुए लूट-खसोट की जा रही है। बेरोजगारी व महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल, पक्की गली नाली, एमडीएम, आंगनबाड़ी, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य गरीब हितैषी योजनाओं में लूट-खसोट चरम पर है। बिप्रखेमयू के अंचल सचिव मो हारुण ने कहा कि रसोइयों की हड़ताल के कारण स्कूलों में छात्रों को खाना नहीं मिल रहा है। उन्होंने हड़ताली रसोइया संघ से वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने की मांग की। प्रभात कुमार मनु, निजाम, जगदीश मुखिया, रुकमिणी देवी, सियाराम सदाय, शिवजी महतो, अमोल देवी, बतीसा देवी, सावित्री देवी, पवित्री देवी आदि थे।

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